मनीष गुप्‍ता/आगरा : आगरा के जामा मस्जिद के बाद अब फतेहपुर सीकरी की दरगाह में माता कामाख्‍या देवी का मंदिर होने का दावा किया गया है. हिन्‍दू संगठनों ने आगरा जिला कोर्ट में वाद दायर कर चुनौती दी है. हिन्‍दू संगठनों का कहना है कि फतेहपुर सीकरी की सलीम चिश्‍ती दरगाह में माता कामाख्‍या देवी का मूल गर्भ है. इस दरगाह पर कभी क्षत्रियों का राज हुआ करता था. हिन्‍दू संगठनों की मांग है कि सलीम शेख चिश्‍ती दरगाह को माता कामाख्‍या का मंदिर घोषित किया गया जाए. उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड, प्रबंधन कमेटी दरगाह सलील चिश्‍ती, प्रबंध कमेटी जामा मस्जिद को प्रतिवादी बनाया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिन्‍दू संगठनों की ये बड़ी मांग 
हिन्‍दू संगठन की ओर से एडवोकेट अजय प्रताप ने आगरा के सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में यह वाद दायर की है. इसमें दावा किया है कि फतेहपुर सीकरी स्थित सलीम चिश्‍ती की दरगाह में मां कामाख्‍या का मंदिर और जामा मस्जिद में कामाख्‍या माता मंदिर परिसर है. हिन्‍दू संगठन की ओर से माता कामाख्या, आस्थान माता कामाख्या, आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट, योगेश्वर श्रीकृष्ण सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट और एडवोकेट अजय प्रताप सिंह वादी हैं. 


जामा मस्जिद में किया था ये दावा 
बता दें कि इससे पहले एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने जामा मस्जिद की सीढ़‍ियों के नीचे भगवान श्रीकृष्‍ण के विग्रह दबे होने का दावा करते हुए आगरा कोर्ट में वाद दाय‍र की थी. इसके बाद जामा मस्जिद का एएसआई सर्वे कराने की मांग उठने लगी थी. मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने भी इसी तरह का दावा करते आ रहे हैं. फ‍िलहाल इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है. अब अजय प्रताप सिंह ने फतेहपुर सीकरी की दरगाह पर माता का मंदिर होने का दावा कर नया मुद्दा उठा दिया है. 


यह भी पढ़ें : Banke Bihari Mandir: अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी मंदिर दर्शन को नहीं आएं ये श्रद्धालु, मंदिर प्रशासन की अपील