Taj Mahal News: राज्य सरकार और टीटीजेड ने ताजमहल को लेकर ऐसे दावे किए हैं जसे लेकर हैरानी होती है. राज्य सरकार और टीटीजेड ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में दावे किए हैं कि आगरा में अगर यमुना की सिल्ट को हटाया गया तो ताजमहल की नींव की मजबूती समाप्त हो जाएगी और यमुना पर बनाए गए 3 पुल भी कमजोर हो जाएंगे.  वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता व आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन से जुड़े केसी जैन ने इस बारे में जानकारी दी है कि साल 2019 में यमुना की सफाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. इस पर 2024 में सुनवाई हुई. 


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ताजमहल के स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी
मदी गई कि राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगते हुए सवाल किया था कि यमुना की सफाई क्यों नहीं हो रही है. इसे लेकर राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि यमुना की सफाई की जाती है तो ताजमहल के साथ साथ इस पर बनाए गए पुलों को खतरा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर IIT रुड़की से सभी तथ्यों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. संस्थान ने भी भी राज्य सरकार की बात की पुष्टि कर दी है. हालांकि, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन ने रिपोर्ट और हलफनामे पर अपनी आपत्ति जाहिर की है. आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन का कहना है कि यह रिपोर्ट बनाने से पहले ताजमहल के स्ट्रक्चर के बारे में एएसआई से जानकारी नहीं ली गई.    


तीन मुख्य पुल 
31 अगस्त को प्रो. सीएसपी ओझा और प्रो. केएस हरी प्रसाद की टीम ने फील्ड विजिट किया और इस इस विजिट के साथ सिंचाई विभाग, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व जल निगम के अधिकारी भी उपस्थित रहे. कैलाश मंदिर से ताजमहल तक के 20 किलोमीटर के क्षेत्र को टीम ने स्टडी में शामिल किया. दशहरा घाट, यमुना आरती पॉइंट, जवाहर पुल से लेकर मनोहरपुर ड्रेन, पोड्या घाट व कैलाश घाट स्टडी के मुख्य लोकेशन रह. रिपोर्ट के मुताबिक ताजमहल की फाउंडेशन की स्थिरता का नुकसान 5-6 मीटर की सिल्ट हटाने पर हो सकता है. अंबेडकर ब्रिज, जवाहर ब्रिज के साथ ही रेलवे ब्रिज शहर के तीन मुख्य पुल के रूप में जाता है. अगर इनके नीचे की सिल्ट भी हटा दें तो पुलों को क्षति पहुंच सकती है. 


यमुना का जल स्तर प्रभावित 
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि साल 1978 से 2023 तक  यमुना का जलस्तर दो से ढाई मीटर तक गिरा है. इस तरह लगातार यमुना नदी में पानी कम होता रहा तो ताजमहल की नींव को खतरा होने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक बिना सीवेज ट्रीटमेंट के गिरते नाले यमुना नदी में प्रदूषण की मुख्य वजह हैं. बता दें कि अधिवक्ता केसी जैन ने कहा कि हमारी मांग है कि अगर 5 से 6 मीटर यमुना नदी में डिसिल्टिंग नहीं की जा सकती है तो इसे दो से तीन मीटर तक किया जा सकता है. अगली सुनवाई 18 नवंबर को की जाएगी.


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