Rambhadracharya News: जगद्गुरु रामभद्राचार्य की शुक्रवार को अचानक तबियत बिगड़ गई. स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें आगरा के पुष्पांजलि अस्पताल में भर्ती कराया गया. रामभद्राचार्य ने सीने में दर्द होने की शिकायत की थी. उसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. आगरा हरी पर्वत के देहली गेट स्थित पुष्पांजलि अस्पताल में धर्मगुरु को भर्ती कराया गया है. हाथरस जाते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई.


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73 साल के रामभद्राचार्य का वास्तविक नाम गिरिधर मिश्र है, मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 1950 को उनका जन्म जौनपुर के सांडीखुर्द में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित राजदेव मिश्र और मां का नाम शची देवी मिश्र है. वो रामानंदी संप्रदाय से हैं. उनके गुरु पंडित ईश्वर दास महाराज (धर्म मंत्रोच्चार), राम प्रसाद त्रिपाठी संस्कृत और राम चरण दास रहे. उन्हें पद्म विभूषण और साहित्य अकादमी समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं. 


रामभद्राचार्य ने गंभीर बीमारी की वजह से दो महीने की उम्र में आंखों की रोशनी खो दी थी. दृष्टिहीन होते हुए भी रामभद्राचार्य अपनी कृतियों और भविष्यवाणी के लिए प्रसिद्ध हुए. उन्हें 22 भाषाओं में महारथ हासिल है. रामभद्राचार्य 80 से ज्यादा ग्रंथों की रचना कर चुके हैं. उनके नाम पर दुनिया का पहला दिव्यांग विश्वविदयालय भी चल रहा है. 


जगद्गुरु ने ब्रेल लिपि का इस्तेमाल कर चीजें सीखीं. उन्होंने सुनकर तमाम ग्रंथों को कंठस्थ कर लिया और उनकी रचना कर डाली. जगद्गुरु  रामभद्राचार्य को 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया. स्वामी रामभद्राचार्य रामानंद संप्रदाय के चार जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं. इस पद पर वे 1988 से विराजमान हैं.