मशहूर गीतकार के बेटे-बहू के सुसाइड में 9 साल बाद भी एक सबूत न खोज पाई पुलिस, 250 करोड़ की थी डील
Mathrua News: जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है, गीतकार संतोष आनंद के बेटे और बहू के इंटरसिटी के सामने कूद कर आत्महत्या करने के हाईप्रोफाइल मामले में क्राइम ब्रांच ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी है.
Mathrua News: मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद और बहू नरेश नंदिनी के सुसाइड के मामले में नौ साल की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है. सुसाइड नोट के आधार पर फोरेंसिक इंस्टीट्यूट दिल्ली के महानिदेशक(डीजी), डीआइजी समेत 38 लोगों को नामजद किया गया था.
9 साल की जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट
मथुरा पुलिस ने इस मामले में जांच की थी. इसके बाद ये मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. इस केस की जांच नौ साल तक चली फिर भी क्राइम ब्रांच को इस केस आत्महत्या के जिम्मेदार नहीं मिले.
फर्जी प्रोजेक्ट के नाम पर 250 करोड़ रुपये
पुलिस के अनुसार, आत्महत्या की नींव एक फर्जी प्रोजेक्ट के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेनदेन ने रखी थी. यह प्रोजेक्ट इंस्टीट्यूट की लैब और हॉस्टल के संबंध में था. संकल्प ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में लैब और हॉस्टल बनाने की बात कही थी. उसके निर्माण, मशीन, अन्य कामकाज का ठेका दिलाने की एवज में 250 करोड़ रुपये लोगों से लिए थे. हकीकत में प्रोजेक्ट कुछ था ही नहीं.
जानें क्या मामला
मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद, जो दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस में समाजशास्त्र के प्रवक्ता थे, उन्होंने 15 अक्टूबर 2014 को पत्नी नरेश नंदिनी आनंद संग कोसीकलां में कोटवन के निकट आगरा-दिल्ली इंटरसिटी ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया. संकल्प आनंद की कार से 10 पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसके आधार पर गीतकार संतोष आनंद ने कोसीकलां थाने में डीजी कमलेंद, तत्कालीन डीआईजी संदीप मित्तल समेत 38 लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए नामजद कराया था. क्राइम ब्रांच ने करीब नौ साल तक विवेचना करने के बाद आरोपों के संबंध में कोई भी सबूत नहीं पाए जाने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी है.
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