Vrindavan News: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के बीच हुई वार्ता के बाद एक बड़ा ही अहम निर्णय लिया गया है. निर्णय के अनुसार प्रस्तावित बांकेबिहारी कॉरिडोर के चलते अब वृंदावन के प्रख्यात और पूजनीय बांकेबिहारी मंदिर की 5.65 एकड़ की परिधि में अब कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा. यह निर्णय कॉरिडोर के निर्माण के चलते किसी भी तरह के तोड़फोड़ से बचने के लिए गया है.


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सरकारी और निजी दोनों निर्माण कार्य पर रोक
प्रशासन ने यह फैसला वृंदावन में प्रस्तावित बांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण के लिए यह निरणय लिया है. फिलहाल मंदिर की परिधि में कोई भी सरकारी निर्माण कार्य के साथ हर तरह के निजी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है. 


हाईकोर्ट ने किया रास्ता साफ
प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण के लिए हाईकोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है. वहीं राज्य सरकार ने कॉरिडोर के लिए तकरीबन 150 करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया है. हालांकि, लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते योजना पर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया था. परंतु चुनाव समाप्त होते ही अब आचार संहिता हट चुकी है. इसलिए प्रशासन अब इस योजना के लिए अलर्ट मोड पर है. 


क्या है प्रोजेक्ट
यह कॉरिडोर बांके बिहारी मंदिर के सामने मौजूद 5.65 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है. कॉरिडोर वहां जमीन की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से दो हिस्सों में होगा. कॉरिडोर को विद्यापीठ और परिक्रमा मार्ग से जोड़ा जाएगा. इसमें बिहारीजी के भक्तों की हर मूलभूत सुविधा को ध्यान में रखा गया है. इसकी क्षमता एक साथ 10 हजार लोगों की मौजूदगी की बताई जा रही है. कॉरिडोर पर तकरीबन 505 करोड़ रुपये के खर्च होने का अनुमान किया गया है. 


276 से अधिक दुकान और मकानों का अधिग्रहण
इस कॉरिडोर के लिए सरकार द्वारा करीब 276 से अधिक दुकान और मकानों का अधिग्रहण किया जाएगा. अधिग्रहित दुकान और मकानों में 149 आवासीय, 66 व्यावसायिक, 57 मिश्रित भवन हैं. 


नहीं आई है कोई गाइडलाइन
प्रशासन ने बताया कि जमीन के अधिग्रहण और वहीं निर्मित भवनों को ध्वस्त करने की कार्रवाई अभी होनी है. परंतु अभी तक इसके संबंध में प्रशासन को सरकार की तरफ से कोई भी गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में ही तय किया जाएगा कि आखिर जमीन का अधिग्रहण किस दर पर किया जाएगा. 
 
प्रशासन निर्माणों के सर्वे में जुटा
प्रस्तावित बांकेबिहारी कॉरिडोर के लिए प्रशासन जमीन अधिग्रहण करने की दिशा में विचार कर रहा है. 300 के करीब दुकाने और मकानों को पहले ही प्रशासन द्वारा चिन्हित किया जा चुका है. किंतु प्रशासन अब फिर से एक बार पुख्ता सर्वे कराने और जमीन के बदले दिए जाने वाले सरकारी मुआवजे की कीमत तय करने में जुटा हुआ है. 


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