इस साल बारिश के मौसम में टपकने लगी थी ताजमहल की छत, अब वजह आई सामने, जानें क्या हुआ था
Agra News:इस साल सितंबर के महीने में आगरा में काफी ज्यादा बारिश हुई थी. आलम ये था कि ताजमहल की छत टपकने लगी थी. दुनिया के इस अजूबे की ऐसी हालत को देख सब परेशान हो गए थे. अब छत टपकने की वजह सामने आ गई है.
Taj Mahal: इस साल सितंबर के महीने में ताजमहल के मुख्य मकबरे की छत टपकने लगी थी. इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया था और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसकी जांच कराई थी. अब छत टपकने की वजह सामने आ गई है. दरअसल मकबरे की छत पर लगी लोहे की छड़ में जंग लग गया था. जिससे वहां चूना फूल गया था. बाद में वहां से चूने का मसाला हट जाने के चलते छत टपकने लगी.
सभी के लिए ये बात चिंता का विषय इसलिए भी थी क्योंकि मुख्य मकबरे के नीचे ही मुगल बादशाह शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज की कब्र है. जांच में समस्या के उजागर हो जाने के बाद एएसआई की ओर से छत और गुंबद की मरम्मद का काम कराया जाएगा. इस दिशा में जल्द ही टेंडर जारी होगा.
आपको बता दें कि इस साल सितंबर महीने में काफी अधिक बारिश हुई थी. आलम ये था कि ताजमहल के मुख्य मकबरे की छत टपकने लगी थी. उस समय जांच के लिए लिडार तकनीक इस्तेमाल की गई. जांच में डेटा एकत्रित किया गया और उसका विश्लेषण हुआ. शुरू में तो कहा जा रहा था कि गुंबद की टीप कराई गई थी, जिसके चलते ये लीकेज हुई है. अब जानकारी सामने आई है कि उस समय 2 जगह से पानी की लीकेज हुई थी.
पानी लीक होने की दो वजह सामने आई हैं. पहली तो ये कि ताजमहल की छत पर लगी लोहे की छड़ में जंग लगने से चूना मसाला हट गया था. इससे पानी लीक हुआ. पहले जो मरम्मत का काम हुआ था उसमें भी कुछ गलतियां हुईं तो फिर उससे भी कुछ रिसाव हुआ.
लिडार तकनीक की बात की जाए तो इसकी फुलफॉर्म है लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग. इसमें लाइट का इस्तेमाल पल्स लेजर के रूप में किया जाता है. इसमें जीपीएस व स्कैनर का उपयोग किया जाता है.