लखनऊ: अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरने वाले ऑल इण्डिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी की लखनउ में होने वाली रैली के लिये जिला प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने के बाद उनकी पार्टी ने इसे राज्य की सपा सरकार की घबराहट का नतीजा बताया है ।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एआईएमआईएम के प्रान्तीय अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा रैली के लिये इजाजत नहीं दिये जाने के बाद ओवैसी का दो दिवसीय प्रदेश दौरा भी निरस्त हो गया है। सरकार की यह हरकत निन्दनीय है।


उन्होंने कहा कि ओवैसी को न तो रैली करने की इजाजत है और न ही रोड शो करने की। ऐसे में उनके दौरे का कोई अर्थ नहीं था। ओवैसी को अपने दौरे के दौरान बाराबंकी, फैजाबाद और आजमगढ़ भी जाना था। अली ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के पास ओवैसी का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है । उत्तर प्रदेश में आपातकाल लगा है। जनता से चुने गये एक सांसद और पार्टी अध्यक्ष को प्रदेश में आने से बार-बार रोका जा रहा है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।


अली ने दावा किया कि इस सरकार ने पिछले चार साल के दौरान मुसलमानों से किये गये वादे पूरे नहीं किये हैं और सूबे में दलित तथा मुस्लिम वर्ग के लोग एआईएमआईएम के साथ आ रहे हैं, वहीं अति पिछड़े वर्ग के लोग भी बहुत तेजी से जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि यह सरकार ओवैसी से घबराई है।


गौरतलब है कि एआईएमआईएम की स्थानीय इकाई की तरफ से आज लखनउ के रिफाह-ए-आम क्लब मैदान में ‘हालात-ए-हाजरा’ पर एक कार्यक्रम होना था, जिसमें ओवैसी को भी शिरकत करनी थी, लेकिन अपर जिलाधिकारी जयशंकर दुबे द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के जरिये प्रशासन ने कल इस कार्यक्रम की अनुमति ‘शान्ति व्यवस्था के हित में’ निरस्त कर दी थी।