लखनऊ:  क्या आपके पास भी रॉयल इनफील्ड की बुलेट (Royal Enfield Bullet) है. क्या आपको भी उसकी आवाज से प्यार है. क्या आपने भी लगवा रखा है तेजी-से आवाज करने वाला साइलेंसर. फिर सड़क पर चलने से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसी तेज आवाज वाले बुलेटों को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन काफी सख्त नजर आ रहा है. इसका एक उदाहरण पूर्वांचल से सामने आया है, जहां सिर्फ वाराणसी मंडल में ही ऐसा करने वाले 1000 बुलट चालकों का चालान कट चुका है.


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जेब पर भारी पड़ रही है 'धुक-धुक'
पूर्वांचल में पुलिस प्रशासन ऐसे बुलेट  को लेकर काफी सक्रियता से कार्रवाई कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक साल में भदोही, मऊ, चंदौली, आजमगढ़, गाजीपुर, मिर्जापुर, बलिया, जौनपुर और सोनभद्र में करीब 1000 बुलेट चालकों पर कर्रवाई हो चुकी है. सिर्फ वाराणसी में ही 100 से अधिक बुलेट सीज की जा चुकी हैं. वहीं, मऊ जिले में 20 लाख तक का चालान काटा जा चुका है. 


कैसे बढ़ाई जाती है बुलेट की आवाज
दरअसल, सामान्य या कंपनी से आई बुलेट में ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जिस पर चालान कट जाए. लेकिन अक्सर लोग कंपनी से आई बुलेट को अपने हिसाब से मॉडिफाई कराते हैं.  साइलेंसर या एग्जॉस्ट सिस्टम की आवाज में ज्यादा थंडर (गड़गड़ाहट) लाने के लिए असली साइलेंसर को हटवाकर गनशॉट साइलेंसर लगवा लेते हैं. यह आस-पास चलने वाले लोगों की भी परेशान करता है. ऐसे में इस तरीके के बदलाव पर चालान लगाया जाता है. 


क्या है कानून?
बता दें कि किसी भी कार या बाइक में किसी भी तरीके  का मॉडिफिकेशन गुनाह है. ऐसा करना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन माना जाता है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ऐसी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन तक रद्द किया जा सकता है. ऐसे में आपके पास भी गाड़ी है, तो हेकड़ी दिखाने के चक्कर में मॉडिफाई ना कराएं, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. 


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