Aligarh News: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में पशुधन और दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशु चिकित्सा महाविद्यालय (veterinary college) खोलने की योजना बना रही है. तालानगरी अलीगढ़ मंडल में पहला  पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोला जाएगा. ये वेटरनरी कॉलेज महुआखेड़ा के पास बनाया जाएगा. यूनिवर्सिटी बनाने के लिए जरूरी बड़ी जमीन (650 एकड़ तक) उपलब्ध है. इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और शोध सुविधाएं भी मिलेंगी. 


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कहां बनेगा वेटरनरी कॉलेज
अलीगढ़ मंडल का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय (वेटरनरी कॉलेज) महुआखेड़ा के पास बनेगा.  इसके लिए जमीन का चयन भी हो गया है.  यह जगह महुआखेड़ा थाना रोड से पनैठी से जुड़ती है. जहां से सीधे जीटी रोड हाईवे शुरू हो जाता है. यह हाईवे कानपुर, आगरा, मथुरा, गाजियाबाद, पलवल, नोएडा हाईवे से जुड़ता है.  इस लिहाज से प्रस्तावित वेटरनरी कॉलेज को भविष्य में वेटरनरी यूनिवर्सिटी में बदलने की भी योजना है, क्योंकि यहां जगह है. कॉलेज बनाने के लिए यहां की भौगोलिक स्थिति भी बहुत अच्छी है.


650 एकड़ जमीन पर बनेगा वेटरनरी कॉलेज
इस कालेज के लिए महुआखेड़ा, गुरसिकरनपुर और दारापुर गांव में पशुपालन विभाग की लगभग 650 एकड़ जमीन तय की गई है.  यह जमीन तीनों गांवों के बीच है, जिसका मालिकाना उत्तर प्रदेश पशुधन उद्योग निगम लिमिटेड सीडीएफ अलीगढ़ के पास है.


वेटरनरी कॉलेज में क्या होगा
अलीगढ़ मंडल में बन रहे वेटरनरी कॉलेज में पशु चिकित्सा हॉस्पटिल, एकेडमिक ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर, स्टूडेंट हॉस्टल, पार्किंग एरिया, पार्क आदि का निर्माण कराया जाएगा.


वेटरनरी कॉलेज में कितनी होंगी सीटें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब ये शुरू होगा तब यहां 50 से 60 सीट होंगी, जिनको बाद में बढ़ाकर 100 से 150 तक किया जा सकेगा. इसको उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान (दुवासु) मथुरा से संबद्ध किया जाएगा.


कितनी आएगी लागत
 इसके निर्माण में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. बता दें कि गोरखपुर और भदोही में वर्तमान में पशु चिकित्सा महाविद्यालय (वेटरनरी कॉलेज) निर्माणाधीन स्थिति में हैं. इस कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी के पास भेजा गया है. सीएम की मंजूरी मिलते ही इसका काम आगे बढ़ जाएगा.


पशु चिकित्सा महाविद्यालयों के फ़ायदे 
पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और शोध सुविधाएं मिलती हैं. पशु चिकित्सा क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से सुधार होता है. उत्तर भारत के पशु पालन उद्योग को मज़बूती मिलती है. पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में नवीन तकनीकों का विकास और अनुप्रयोग होता है. पशु चिकित्सा और वन हेल्थ में एआई के भविष्य को आकार देने के लिए इनमें शोध होता है. वेटरनरी कॉलेज या पशु चिकित्सा महाविद्यालय वे संस्थान होते हैं जहां पशु चिकित्सा विज्ञान और पशु पालन के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है. 


वेटरनरी कॉलेज में प्रदान किए जाने वाले प्रमुख पाठ्यक्रम
1. बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंडरी (बीवीएससी एंड एएच)
2. मास्टर ऑफ वेटरनरी साइंस (एमवीएससी)
3. डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी)


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