Hathras Hadsa: भोले बाबा के कार्यक्रमों में पहले भी हादसा, जानें कैसे हुई थी 10 लोगों की मौत
Hathras Hadsa: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है लेकिन भोले बाबा के सत्संग में 2 साल पहले हादसा हो चुका है. कासगंज में हुए इस हादसे में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.
Hathras Hadsa:उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को हुए हादसे की सिसकियां पूरे प्रदेश में ही नहीं पड़ोसी राज्यों में भी सुनाई दे रही हैं. हाथरस के रतिभानपुर में हो रहे भोले बाबा के सत्संग में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. सत्संग में हजारों लोग जुटे थे. जिला और प्रदेश से ही नहीं बल्कि भोले बाबा के सत्संग में पड़ोसी राज्य जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते रहे हैं.
कासगंज में भोले बाबा की बहुत मान्यता और ख्याति है. उनके भक्त जिले और उत्तर प्रदेश में ही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगड़, बिहार जैसे राज्यों में भी हैं. भोले बाबा के सत्संग और आश्रम में बड़े-बड़े कार्यक्रम और समारोह होते रहते हैं और इन कार्यक्रमों और समारोह में बड़ी संख्या में भक्तों का रैला पहुंचता है. भीड़ होने की वजह से आश्रम और सत्संग स्थल तक पहुंचने वाले रास्तों और सड़कों पर जाम लग जाता है और ऐसी स्थिति हादसे को स्वत: ही दावत देने के लिए काफी है.
2022 में हुई 10 लोगों की मौत
दो साल पहले यानी 2022 में तीन मई के दिन भोले बाबा के भक्त जो एक ही परिवार के थे हादसे का शिकार हो गए थे. यह हादसा पटियाली-कायमगंज मार्ग पर हुआ था. भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे. इसी बीच सुबह के समय बोलेरो और एक ऑटो में टक्कर हो गई. इस दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में पांच लोग तो एक ही परिवार के थे. ये सभी भोले बाबा के आश्रम ही जा रहे थे.
अशोकपुर गांव के पास हुए इस हादसे को लेकर कई तरह के सवाल उठे. इससे पहले भी ट्रेन की चपेट में आकर दो महिला भक्त और उनकी बच्ची मौत हो गयी थी लेकिन भोले बाबा के भक्तों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. बल्कि साल दर साल भोले बाबा के भक्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
ये भी पढ़ें: Hathras Photos: हाथरस में हर तरफ लाशें, फटे कपड़े और टूटी चप्पलों ने बयां किया दिल दहलाने वाला वाकया, देखें photos
ये भी पढ़ें: Hathras Accident: हाथरस हादसे का गुनहगार बाबा सूरजपाल फरार, LIU रिपोर्ट और आयोजन की अनुमति देने वाले अफसर कठघरे में