Hathras Stampede Judicial Committee: हाथरस कांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, इन पांच सवालों के ढूंढे जाएंगे जवाब
Hathras Stampede Judicial Committee: हाथरस कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग गठित कर दिया गया है. इस हादसे में एफआईआर दर्ज की गई है और इसमें संत नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं है. बाबा घटना के बाद से ही फरार है.
Hathras Stampede Judicial Committee: उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में सत्संग के समापन के दौरान मची भगदड़ पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है. इसमें हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज और दो पूर्व IAS शामिल हैं. आयोग 02 जुलाई को हुई घटना की जांच करेगा और जांच के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा. हाथरस कांड में न्यायिक आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी. आयोग मामले के विभिन्न पहलुओं पर गौर करेगा, जिसमें हाथरस कांड एक दुर्घटना है या साजिश यह एंगल भी शामिल है.
कार्यक्रम में सेवादार ही देख रहे थे व्यवस्थाएं
बाबा के कार्यक्रम में 12 हज़ार सेवादार मौजूद थे जो सुरक्षा और इंतज़ाम की व्यवस्था देख रहे थे. सेवादारों ने ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को उनके स्थान से हटा दिया था. पुलिसकर्मियों और सेवादारों के बीच कार्यक्रम शुरू होने से पहले बहस हुई थी. पुलिस ने जब बाबा का आने-जाने वाला रूट ब्लॉक किया वहां पर भी बाबा के ब्लैक कमांडो ने पुलिस वालों को पीछे करके खुद ड्यूटी में लग गए थे. पुलिस संख्या बल कम होने की वजह से पुलिसकर्मियों ने थोड़े विरोध के बाद बात मान ली थी. बाबा का जहां सत्संग हुआ वहां उनके सेवादार ही सारी व्यवस्थाएं देख रहे थे. यातायात से लेकर पंडाल और अन्य व्यवस्थाओं में बाबा के वॉलेंटियर्स ने ही मोर्चा संभाला था. घटना के वक्त भी बाबा के सेवादार आगे खड़े थे. जब भीड़ बाबा के चरण रज पाने के लिए टूटी तो सेवादार ही हटा रहे थे.
हिरासत में कई लोग
हाथरस मामले में पुलिस ने सभी आयोजक और सह आयोजकों के कॉल डिटेल खंगाले गए हैं. सभी आयोजकों और सह आयोजको के फोन 5 बजे से लेकर 8 बजे के बीच बंद हो गए थे. पुलिस ने कई और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
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तीन सदस्ययी न्यायिक आयोग गठित
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी पटेल के निर्देश पर राज्य सरकार ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित की है. सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार रात को एक बयान जारी कर बताया कि तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे. उन्होंने बताया कि आयोग के दो अन्य सदस्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार सिंह रिटायर्ड जज शामिल हैं.
जांच कमेटी इन पांच सवालों के ढूंढेगी जवाब
1. कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा प्रवत्त अनुमति और उसमें उल्लेखित शर्तों के अनुपालन की जांच होगी.
2.यह हादसा कोई दुर्घटना है या कोई साजिश. कोई सुनियोजित आपराधिक घटना की संभावना के पहलुओं की जांच की जाएगी.
3-हाथरस जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने हेतु किये गये प्रबन्ध एवं उनसे सम्बन्धित अन्य पहलुओं की जांच.
4.उन कारणों और परिस्थितियों का निर्धारण करना जिसके कारण उक्त घटना हुई.
5. भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के सम्बन्ध में सुझाव देना.
बाबा के आश्रम-संपत्ति की जांच
मैनपुरी, एटा, कासगंज, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, फ़िरोज़ाबाद, इटावा और आगरा के SP/SSP/पुलिस कमिश्नर को अपने-अपने ज़िलों में बाबा के सेवादारों के बारे में पता करने को कहा गया है. इन सेवादारों से बातचीत कर बाबा का काम काज, उसके आश्रम, उसकी फ़ंडिंग और उसके मददगारों के बारे में पता करने को कहा गया है. यूपी के डीजीपी ने एक fact finding team बनाई है.
ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई-पोस्टमार्टम रिपोर्ट
बुधवार को आगरा में 21 शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. पीएम रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 3 के हेड इंजरी, 3 की शॉक एंड हैमरेज से मौत हुई है. पोस्टमॉर्टम हाउस पर 8 डॉक्टरों की ड्यूटी लगी थी. सीएमओं के मुताबिक ज्यादातर मामलों में छाती में खून-जमने से दम घुटा था. जितनी डेड बॉडी आई सबके शरीर मिट्टी से भरे हुए थे. सीएमओ के मुताबिक 21 डेड बॉडी में 35 से 60 वर्ष महिलाओं की उम्र थी.
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नोएडा में बाबा का आश्रम
नोएडा के नया गांव में भी बाबा का आश्रम मौजूद है. 2022 मे 35 दिन बाबा इसी आश्रम मे रुके थे. बाबा नारायण साकार हरि का आश्रम नया गांव मे तालाब के पास बना है. नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराये बिना ही आश्रम बनाया गया था. आस पास के लोगों के मुताबिक बाबा के सत्संग मण्डली से जुड़े लोगों ने आश्रम का निर्माण कराया था. आस पास के लोगों को आश्रम मे जाने की इजाज़त नहीं थी. फिलहाल आश्रम खाली है. आश्रम मे कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं है.मैनपुरी-तहखाने पर बाबा के समर्थकों का कब्जा है. समर्थक तहखाने पर पहुंचे थे, जिसके बाद तहखाने का गेट बंद कर समर्थकों ने जमीन पर पानी गिराया.
गांव से बना ली थी दूरी
बाबा ने अपने खिलाफ़ किसी साजिश के संदेह में लगभग 8 साल पहले गाँव जाना भी छोड़ दिया था. किसी करीबी के साज़िश करने के डर से गाँव से दूरी बना ली थी. बाबा का कमरा आश्रम के एक कोने में मौजूद है और उस कमरे में जाने की इजाज़त केवल चुनिंदा 7 लोगों को है. जिसमे कुछ महिला और सेवादार हैं. बाबा रात में 8 बजे के बाद किसी से भी नही मिलता था
बाबा पर अब तक 5 मुकदमे
सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के उपर अब तक 5 मुकदमे चल रहे है. इनमें से 1- 1 केस आगरा, इटावा, कासगंज और फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज है.
कब हुआ हादसा
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ था जिसमें 123 लोगों की जान चली गई थी. जिले के फुलराई गांव में भोलेबाबा का सत्संग चल रहा था. इस दौरान समापन के बाद अचानक भगदड़ मची और लोग एक के ऊपर एक गिरे और कई मौतें हो गईं. कार्यक्रम में शामिल होने आए 123 लोग इस हादसे का शिकार हो गए. सैकड़ों भक्त भीषण गर्मी से बेहोश हो गए. बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे और उन्होंने घायलों का हालचाल जाना.