हाथरस हादसे में एसडीएम-तहसीलदार समेत 6 पर गिरी गाज, SIT की 300 पन्नों की रिपोर्ट में गंभीर आरोप
Hathras Stampede News : हाथरस के सिकंदराराऊ में नारायण साकार हरि बाबा के सत्संग में भगदड़ हो जाने से करीब 123 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे को संज्ञान लेकर सीएम योगी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था.
Hathras Stampede News : हाथरस हादसे में एसआईटी (SIT) ने अपनी जांच रिपोर्ट यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है. एआईटी जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद सीएम योगी के निर्देश पर एसडीएम सिकंदराराऊ रावेंद्र कुमार, तहसीलदार सिकंदरराऊ सुशील कुमार, सीओ सिकंदाराराऊ आनंद कुमार, इंस्पेक्टर सिंकंदराराऊ आशीष कुमार और चौकी प्रभारी चकौरा मनवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट में हादसे से जुड़े सभी पक्षों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा जांच रिपोर्ट में हादसे के दोषियों को भी चिंहित किया गया है. घटनास्थल और अस्पतालों से भी साक्ष्य जुटाए गए हैं.
300 पन्नों की जांच रिपोर्ट पर आज सीएम योगी लेंगे एक्शन
बता दें कि हाथरस के सिकंदराराऊ में नारायण साकार हरि बाबा के सत्संग में भगदड़ हो जाने से करीब 123 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे को संज्ञान लेकर सीएम योगी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. अब एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की रिपोर्ट में अफसरों की उदासीनता पर सवाल खड़े किए हैं. खास बात यह है कि एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सूरजपाल उर्फ साकार हरि बाबा का जिक्र नहीं किया है.
डीएम से लेकर अस्पताल कर्मचारियों तक के बयान दर्ज
एसआईटी की रिपोर्ट में हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ और दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल हैं. इसके अलावा सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं. सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी द्वारा अनुमति से अधिक लोगों के बुलाने, कम इंतजाम के बाद अनुमति देने और अफसरों द्वारा निरीक्षण किए बिना अनुमति देने को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
भीड़ के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं
एसआईटी टीम में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं. रिपोर्ट के परीक्षण के बाद दोषी पाए गए अफसर, कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय है. सूत्रों के मुताबिक, क्राउड मैनेजमेंट का पर्याप्त इंतजाम न होने से स्थानीय प्रशासन पर गाज गिर सकती है. आयोजन की शर्तों के अनुपालन की भी जांच की गई है. लोकल प्रशासन की ज़िम्मेदारी दिखाई गई है कि कैसे इतनी भीड़ के बाद भी प्रशासन ने भीड़ के लिए इंतजाम क्यों नहीं किए?.
भोले बाबा की गलती का जिक्र
फिलहाल एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में भोले बाबा की किसी गलती की जिक्र अभी नहीं किया है. बता दें कि पुलिस ने मुख्य आरोपी व एक लाख रुपये का इनामी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी आरोपी सत्संग आयोजन समिति के सदस्य थे. एसआईटी रिपोर्ट में इन सभी का जिक्र किया गया है.
अभी तक क्या-क्या हुआ?
दो जुलाई की घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले दौरा किया. सीएम योगी ने हादसे में आर्थिक मदद का भी ऐलान किया. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हाथरस पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में हादसे पर गहरा दुख जताया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भोले बाबा पर कार्रवाई की मांग की. वहीं, सपा के रामगोपाल यादव ने बाबा का बचाव किया. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद हाथरस पहुंचे. यहां पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर सरकार पर निशाना साधा.
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