AJAY KASHYAP/ BAREILLY: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बयान जारी करते हुए कहा कि CAA कानून भारत सरकार बहुत पहले लेकर आ गई थी और इस कानून को लागू करना चाहती थी, लेकिन हकिकत समझे बगैर देश में मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया. इस वजह से यह कानून लागू नहीं हो पाया. गृह-मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश से देश भर में फिर से CAA को लेकस चर्चाएं गर्म हो गई है और कुछ लोग मुसलमानो को भड़काने, डराने और गुमराह करने में लग गए हैं. 


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इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सीएए कानून लागू किए जाने को लेकर एक बयान जारी किया है. उन्होंने अपने बयान से इस कानून की स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि सरकार अब इस कानून को लागू करना चाहती है. इस कानून का अध्यन करने के बाद स्पष्ट तौर पर पता चला कि इस क़ानून से भारत के मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह क़ानून उन लोगों से सम्बंध रखता है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंगला देश, श्री लंका और म्यांमार से आए हुए लोग जो अभी भारत में रह रहे हैं उन को अब तक नागरिकता नहीं मिली है, ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी. 


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इस क़ानून के लागू होने से भारत में रह रहें करोड़ों मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रशन चिन्ह नहीं उठाया गया है, और यह कैसे मुमकिन हो सकता है कि यहां सदियों से रह रहें मुसलमानों की नागरिकता को छीन लिया जाएगा. अगर भविष्य में ऐसा कोई क़ानून बनाया जाता है तो भारत के हालात ख़राब हो सकते हैं, कोई भी सरकार ऐसा क़दम नहीं उठा सकती है. 


मौलाना ने उन लोगों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग मुसलमानों को डरा रहे हैं और गुमराह व भयभीत कर रहें हैं, उनको एक बार क़ानून का मुसव्वदा पढ़ लेना चाहिए फिर उसके बाद उनको समझ में आ जायेगा कि असल कानून की ह़क़ीक़त क्या है, बग़ैर क़ानून का अध्धयन किए कोई बात कहना मुनासिब नहीं है. इससे मुसलमान भयभीत होते हैं और देश अराजक्त फैलती है. मौलाना ने लोकसभा चुनाव के दरमियान होशियार रहने की सलाह दी है, उन्होंने कहा इस कानून के द्वारा लोगों को नागरिकता दी जाएगी और किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी. 


मौलाना ने आगे कहा कि इस क़ानून से मुसलमानों को घबराने और परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, कुछ राजनीतिक लोगों का सिर्फ यह मक़सद रह गया है कि वह मुसलमानों का वोट ह़ासिल करने के लिए जज़्बाती व भड़काऊ और बेबुनियाद बयानबाज़ी करते हैं मगर अब सियासी ह़ालात बहुत बदल चुके हैं.