Amarmani Tripathi: प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आई है. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में 14 साल से भी ज्यादा लंबी सजा काटने वाले पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बस्ती कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अमरमणि त्रिपाठी की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती कोर्ट के गैर जमानती वारंट यानी एनबीडब्ल्यू आदेश को सही माना है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हाईकोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की दलीलों को मानने से इनकार किया. साल 2002 में धारा 364, 364ए, 216ए, 212 और 120बी के तहत दर्ज मामले में बस्ती कोर्ट ने त्रिपाठी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया है. कोर्ट में पेश नहीं होने के चलते 82 और 83 की कार्रवाई का भी आदेश हुआ है. अमरमणि त्रिपाठी ने बस्ती कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट से निरस्त करने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की याचिका को सही नहीं माना. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया.


गौरतलब है कि 9 मई 2003 लखनऊ में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की उसके घर में ही हत्या कर दी गई थी. ये मर्डर मायावती सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि ने कराया. 20 साल बाद 24 अगस्त 2023 को अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की जेल से रिहाई हो गई. हालांकि सजा के दौरान दोनों ने सजा का अधिकांश समय गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड में बीता.


अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की 25 अगस्त 2023 को रिहाई पर सवाल उठे थे. लखनऊ की पेपरमिल कालोनी में मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. देहरादून की अदालत ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, मधुमणि और उनके भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को उम्र कैद की सजा हुई थी.