प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के विवादित भवन के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने के बावजूद बाउंड्री गिरा देने के मामले में जिलाधिकारी आगरा सहित कई अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने पाठक वृंदावन वैदिक आश्रम धर्मार्थ न्यास की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका की सुनवाई 13 मई को होगी. 


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वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश
हाई कोर्ट ने आगरा (Agar) के डीएम प्रभु नारायण सिंह ,एडीएम  वित्त एवं शत्रु संपत्ति योगेंद्र सिंह, एसडीएम सदर अनु असमोली, तहसीलदार सदर प्रेमपाल सिंह एवं थाना प्रभारी शाहगंज सत्येंद्र राघव को 13 मई (गुरुवार) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है.


प्रथम दृष्टया बनता है अवमानना का केस-HC
कोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उक्त मामले में अवमानना का केस बनता है. सभी अधिकारियों को कोर्ट ने अवमानना याचिका में पक्षकार बनाया है. भूप सिंह कानूनगो व नाहर सिंह लेखपाल भी पक्षकार बनाए गए हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने पाठक वृंदावन वैदिक आश्रम धर्मार्थ न्यास की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है.


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लगाई थी विवादित भूमि के ध्वस्तीकरण पर रोक
हाई कोर्ट ने 10 फरवरी 2003 को विवादित भूमि के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद इन अधिकारियों के निर्देश पर थानाध्यक्ष की निगरानी में बाउंड्री वाल तोड़ दी गई. सीजेएम आगरा को निर्देश दिया गया है कि वह सभी अधिकारियों पर आदेश की तामील कराएं.


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