मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: यूपी पुलिस हमेशा अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहती है. लेकिन, इस बार पुलिस के कारनामे से सरकार की भी किरकिरी हुई है. मामला पीलीभीत जनपद का है, जहां पर सरहद की निगहबानी करके रिटायर हुए सेना के जवान रेशम सिंह और उसके परिजनों के साथ बीच सड़क पर बदसलूकी और बेरहमी से मारपीट का आरोप लगा है.


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पुलिस की अमानवीय कार्यशैली से स्तब्ध सेना के रिटायर्ड जवान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल करके न्याय और इंसाफ की गुहार लगाई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेना के पूर्व जवान की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा तलब कर लिया है.


3 मई को परिवार के साथ की थी बेरहमी से पिटाई 
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में सेना के रिटायर्ड जवान ने कहा है कि वह 3 मई को पीलीभीत से लखीमपुर खीरी अपने करीबी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए परिवार के साथ जा रहा था. पुलिस ने रास्ते में रोककर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की. इस दौरान साथ मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों जिसमे उसकी बहन और मां थीं, उन्हे भी पुलिस वालों ने भद्दी भद्दी गालियां दी, उनके साथ बदसलूकी करने के बाद बेरहमी से मारा-पीटा.


इतना ही नहीं पुलिस वालों ने उसे थाने ले जाकर खाट में बांधकर घंटो उसकी डंडो से बेरहमी से पिटाई की. रिटायर्ड जवान रेशम सिंह ने कोर्ट में दाखिल अर्जी में पुलिस पर कड़ी कार्रवाई किए जाने और इंसाफ दिलाए जाने की मांग की है.


कोर्ट ने DGP से मांगा हलफनामा 
सेना के रिटायर्ड जवान के साथ हुई इस घटना को लेकर दाखिल अर्जी पर जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस गौतम चौधरी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने सेना के रिटायर्ड जवान व परिवार से पुलिस के इस व्यवहार पर तल्ख टिप्पणी की और कहा कि पुलिस पर इस तरह का आरोप प्रदेश की 'बहुत ही खेदजनक' स्थिति को दर्शाता हैं. कोर्ट ने कहा यह मामला बेहद गंभीर है. पूरे मामले को लेकर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.


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