Prayagraj news/Mohd Gufran: सनातन धर्म में यमराज को धर्मराज कहा जाता है जो कि मृत्यु के देवता माने जाते है. आज पूरे देश में भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक भाई दोज का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के दिन हर बहन अपने भाई को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए भगवान से वरदान मांगती हैं. इस त्योहार को यम द्वतीया के नाम से भी जाना जाता है.  अपने भाई को यम की फांस (अकाल मृत्यु) से बचाने को हजारों बहनों ने मंगलवार को यम द्वितीया पर अपने भाई का हाथ थाम कर यमुना में आस्था की डुबकी लगाई है. इस दौरान प्रशासन व नगर निगम की भी व्यवस्थाएं भी टाइट रहीं.


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यमुना तट पर आस्था का जनसैलाब
यम द्वितीया के मौके तीर्थराज प्रयाग के यमुना तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. ब्रह्मुहूर्त से बड़ी संख्या में भाई- बहन पतित पावनी यमुना में डुबकी लगाकर मोछ की कामना कर रहें हैं. इस मौके पर यमुना तट पर जरूरी इंतजाम भी किए गए हैं. घाटों पर जल पुलिस के साथ ही प्रशिक्षित गोताखोर को भी लगाया गया है. स्नानार्थी गहरे पानी में न जा सके, इसको लेकर जल के भीतर डीप वाटर बैरिकेटिंग भी की गई है.


पुराणों के अनुसार मान्यता
यम द्वितीया को भाई दूज भी कहा जाता है. इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन जो भाई–बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम यानी यमराज भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। यही वजह है कि दूर दराज से भाई अपनी बहन के साथ आज यमुना के तट पर स्नान के लिए पहुंचे हैं. इस खास मौके पर भाई बहन का हांथ पकड़कर यमुना की पावन धारा में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहें हैं.


मथुरा में भाई का हाथ थाम बहनों ने लागाई डुबकी
मथुरा में अपने भाई को यम की फांस (अकाल मृत्यु) से बचाने को हजारों बहनों ने मंगलवार को यम द्वितीया पर अपने भाई का हाथ थाम कर यमुना में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद यम-यमुना मंदिर में पूजन कर अपने भाई की सलामती की कामना की। इस दौरान प्रशासन व नगर निगम की भी व्यवस्थाएं रहीं


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