इलाहाबाद : शाइन सिटी के निवेशकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने शाइन सिटी की जब्त संपत्तियों को बेचकर निवेशकों के पैसे ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं.  निवेशकों को 10 दिनों के अंदर ईडी की पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देना होगा. निवेशक प्रकाश चंद्र त्रिपाठी की याचिका पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं. 


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प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में 70 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. शाइन सिटी पर 237 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के कुल 284 मामलों में  एफआईआर दर्ज हुई है. इस मामलें में अगली सुनवाई अब 16 सितंबर को होगी.


शाइन सिटी के निदेशक राशिद नसीम के भाई आकिब को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि आकिब का भाई राशिद नसीम करीब 60 हजार करोड़ रुपये की ठगी कर दुबई भाग गया है. आकिब पर आरोप है कि वह भी धोखाधड़ी में हिस्‍सेदार था. आकिब पर करीब एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था. 


कौन हैं राशिद नसीम
राशिद नसीम मूलरूप से प्रयागराज के करेली के जीटीबी नगर का रहने वाला है. करीब 20 साल पहले वह मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया का एक मामूली एजेंट था. कंपनी की ठगी की योजनाएं समझने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी और लखनऊ आ गया. यहां उसने हजरतगंज के डालीबाग इलाके में स्थित ग्रैंड न्यू अपार्टमेंट में एक पेंट हाउस खरीदा.


60 हजार करोड़ की थी ठगी 
राशिद नसीम ने शाइन सिटी नाम से रियल एस्‍टेट कंपनी खोलकर मध्यम वर्गीय लोगों को निशाना बनाया. उसने लोगों को आशियाने का ख्वाब दिखाकर प्लॉट और मकान के नाम पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये की ठगी कर ली. ठगे गए लोगों ने एफआईआर कराई तो पुलिस सक्रिय हुई. हालांकि, तब तक महाठग राशिद नसीम भारत छोड़कर दुबई भाग चुका था. 


सीतापुर से पकड़ा गया था आकिब 
2 साल बाद ही राशिद नसीम ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया. उसने धीरे धीरे निवेशकों को मुनाफा देना बंद कर दिया. निवेशक उससे संपर्क करते या दफ्तरों के चक्कर काटते तो वो उन्हें जल्द पैसा देने का वादा करके टरका देता. इसमें राशिद के कारनामों पर उसके भाई आकिब ने भी साथ दिया. राशिद तो दुबई भाग गया, लेकिन आकिब फरार चल रहा था. लखनऊ की क्राइम ब्रांच पुलिस ने बुधवार को आकिब नसीम को सीतापुर रोड स्थित मोहिबुल्‍लापुर रेलवे स्‍टेशन से गिरफ्तार कर लिया.