कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) के ''बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायो इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट'' की एसोसिएट प्रोफेसर बुशरा अतीक को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया है. शनिवार को IIT Kanpur के डायरेक्टर प्रो. अभय करंदीकर ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी. ट्वीट में उन्होंने लिखा, "बहुत गर्व और खुशी के साथ, मैं आपके साथ साझा करता हूं कि डॉ. बुशरा अतीक को चिकित्सा विज्ञान की श्रेणी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी 2020 के लिए प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया है. अतीक को हार्दिक बधाई! आपने हमें गौरवान्वित किया है!!"



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कैंसर पर ढेरों रिसर्च कर चुकीं प्रो. बुशरा अतीक का नाम शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में शामिल किया गया है, लेकिन पुरस्कार कब दिया जाएगा इसकी तारीख साझा नहीं की गई है. वह फरवरी 2013 में IIT कानपुर से जुड़ीं. प्रो. बुशरा की टीम ने कैंसर की वजह से जीन्स और सेल्स में हो रहीं दिक्कतों का पता लगाया है. साथ ही, उन्होंने पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर पर शोध कर इसके कारणों का पता लगाया है. इसके लिए उन्हें 2018 में चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव (CNR Rao) फैकल्टी अवॉर्ड मिला था.


क्या है शांति स्वरूप भटनागर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कार
यह पुरस्कार वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research या CSIR) के संस्थापक निदेशक सर शांति स्वरूप भटनागर के सम्मान में दिया जाता है. वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा यह पुरस्कार वार्षिक रूप से उल्लेखनीय एवं असाधारण अनुसंधान, अपलाइड या मूलभूत श्रेणी के जीववैज्ञानिक, रासायनिक, पार्थिव, पर्यावरणीय, सागरीय एवं ग्रहीय, अभियांत्रिक, गणितीय, चिकित्सा एवं भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में शोध के लिए दिए जाते हैं. इस पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण योगदान देने वाले भारतीय प्रतिभाओं को सम्मानित करना है. 


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