`देश भर में VHP चलाएगी संपर्क अभियान, जनता के सहयोग से बनेगा मंदिर, नहीं मांग रहे दान`- चंपत राय
मकर संक्रांति के दिन से विश्व हिंदू परिषद संपर्क अभियान पर लगेगा और देशवासियों से इसके लिए सहयोग लिया जाएगा. हर कूपन पर राम मंदिर का चित्र अंकित है और कोशिश होगी कि हर घर में ये कूपन जाए.
लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शुक्रवार को लखनऊ में राम मंदिर को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने इस प्रेस कांफ्रेंस में मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग से लेकर इसके निर्माण की स्थिति और प्रारूप के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा विश्व हिंदू परिषद मंदिर निर्माण को लेकर 12 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का अभियान चलाएगी लेकिन इस दौरान किसी से भी दान नहीं मांगा जाएगा. वे स्वेच्छा से जो देंगे, वही मंदिर निर्माण के कार्य में उपयोग किया जाएगा.
'गुलामी याद दिलाने वाला कलंक समाप्त'
मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए 1949 से ही संघर्ष किया गया है. अब गुलामी की याद दिलाने वाला कलंक समाप्त हो गया है. हिंदुस्तान अपनी संतान को गुलामी की याद नहीं दिलाना चाहता. राम जन्मभूमि मंदिर देश के गौरव और अस्मिता का प्रतीक है और इस लड़ाई को स्थानीय समाज के साथ संतों से लड़ा है.
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3 मंजिला मंदिर बेहद भव्य होगा
चंपत राय ने कहा कि 5 अगस्त को पीएम के भूमिपूजन करने के बाद मंदिर के निर्माण को गति मिली है. पहले हमने इसे बहुत छोटा सोचा था, लेकिन कोर्ट की ओर से 70 एकड़ जमीन मिलने के बाद इसे बढ़ाया गया है. अब बनने वाले मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी. 3 मंजिल के भव्य मंदिर की हर मंजिद करीब 20 फीट की होगी. 6.50 फीट फर्स्ट प्लिंथ की लंबाई है. भूतल से शिखर तक की ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर में 4 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगेगा और 75 हजार क्यूबिक फीट पत्थर की कार्विंग पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण
लार्सन एंड ट्रुबो कर रहे हैं निर्माण, टाटा सलाहकार
पूरा मंदिर पत्थरों से ही बनाया जाएगा, ताकि इसकी लाइफ हजारों वर्षों की हो. मंदिर के निर्माण का काम लार्सन एंड टुब्रो कंपनी को दिया गया है. जबकि निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने टाटा कंसल्टेंट इंजिनीरयर्स को चुना है. मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकांत सोमपुरा पर है. आईआईटी दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के साथ कई और जगहों के वैज्ञानिकों की टीम मिलकर मंदिर की नींव पर स्टडी कर रहे हैं.
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दिसंबर के अंत तक नींव को लेकर मिलेगी जानकारी
ट्र्स्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि इसरो की ओर से उन्हें जो नक्शा मिला, उसमें पता चला कि जहां मंदिर है वहां दो हजार साल पहले सरयू नदी का प्रवाह था. अब तक 4 बार सरयू अपना प्रवाह बदल चुकी है, इसलिए भविष्य में भी बदल सकती है. इस समय बी गर्भ गृह के पश्चिम में नदी का प्रवाह है. पहले भी यहां मंदिर था, और सरयू की धारा रही है. मंदिर के नीचे 60 मीटर तक लूस सैंड है. ऐसे में मंदिर की नींव पर अध्ययन किया जा रहा है, क्योंकि नींव मजबूत चाहिए. इस संबंध में दिसंबर के अंत तक अच्छी सूचना मिल सकती है.
भगवान को मांगने की जरूरत नहीं, सहयोग से बनेगा मंदिर
चंपत राय ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद करीब 11 करोड़ परिवारों तक जाएगी. 55 से 60 करोड़ लोगों तक पहुंचेगी. 3 से 4 लाख कार्यकर्ताओं के जिम्मे ये काम होगा. इस दौरान किसी से दान के लिए नहीं कहा जाएगा, लोगों से मिले सहयोग को ही लिया जाएगा. क्योंकि भगवान को मांगने की जरूरत नहीं है. इसके लिए बाकायदा 10-100-1000 रुपये के कूपन और रसीद बुक छापी गई है. ये कार्य भरोसे का होगा, इसमें कोई भी कार्यकर्ता 48 घंटे से ज्यादा अपने पास पैसे नहीं रखेगा. हर जिले का अपना ऑडिट होगा.
सीएम ने किया 11 लाख का सहयोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद 11 लाख रुपये अपने खाते से मंदिर निर्माण में सहयोग स्वरूप दिए हैं. मकर संक्रांति के दिन से विश्व हिंदू परिषद संपर्क अभियान पर लगेगा और देशवासियों से इसके लिए सहयोग लिया जाएगा. हर कूपन पर राम मंदिर का चित्र अंकित है और कोशिश होगी कि हर घर में ये कूपन जाए. विदेशों से सहयोग की बात पर चंपत राय ने कहा कि हम कानून में विश्वास रखते हैं और जो भी करेंगे कानून के दायरे में ही करेंगे.
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