Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा होनी है. रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले अयोध्‍यावासियों को खुशखबरी मिली है. अयोध्‍या हनुमान गढ़ी के लड्डू को जीआई टैग मिल गया है. अब हनुमान गढ़ी का लड्डू दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाएगा. 


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वाराणसी के रजनीकांत ने किया था आवेदन 
दरअसल, वाराणसी के रहने वाले जीआई टैग एक्‍सपर्ट पद्मश्री रजनीकांत ने अयोध्‍या हनुमानगढ़ी के लड्डू को जीआई टैग के लिए आवेदन किया था. सोमवार को हनुमानगढ़ी लड्डू को जीआई टैग मिल गया. इसके बाद अब जब रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा होनी है तो दुनियाभर से रामभक्‍त अयोध्‍या में आएंगे. यहां करोड़ों रामभक्‍त न केवल भगवान राम का दर्शन करेंगे, बल्कि अपने साथ प्रसाद के रूप में लड्डू भी ले जाएंगे.


राम और हनुमान भक्‍त की कृपा मान रहे अयोध्‍यावासी 
पूरे दुनिया में हनुमानगढ़ी का लड्डू एक ब्रांड बनकर सामने आएगा. बेसन और शुद्ध देसी घी से इन लड्डुओं को तैयार किया जाता है. हनुमानगढ़ी के लड्डू को जीआई टैग मिलना अयोध्‍यावासी इसे रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले राम और हनुमान भक्‍त की कृपा मान रहे हैं. बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा होनी है. इस कार्यक्रम में देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया भर के दिग्‍गज अयोध्‍या आएंगे. इसको लेकर अयोध्‍या में खास तैयारियां चल रही हैं. 


क्‍या होता है जीआई टैग?
बता दें कि जीआई टैग एक ऐसा नाम या संकेत है, जो प्रमाणित करता है कि किसी उत्पाद में विशिष्ट गुण हैं जो इसे दूसरों से अलग बनाते हैं. किसी भी प्रोडक्ट पर जीआई टैग हासिल करने के लिए आवेदन करना होता है. भारत में जीआई टैग 15 सितंबर 2003 से लागू हुआ था. 


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