Ayodhya News: राम मंदिर निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि निर्माण कार्य निर्धारित समय से दो महीने पीछे चल रहा है. उन्होंने बताया कि श्रमिकों की संख्या में बड़ी कमी के कारण लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को मजदूरों को लाने में कठिनाई हो रही है. 


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2024 तक प्रथम फेस के निर्माण में संदेह
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि निर्माण कार्य में देश-विदेश की पांच कंपनियों ने राम मंदिर में लाइट इंस्टॉल करने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2024 तक मंदिर के प्रथम फेस का निर्माण पूरा होने में संदेह है. मिश्र ने बताया कि मंदिर के शिखर के निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती है. शिखर का निर्माण तभी हो सकता है जब मंदिर के द्वितीय तल का निर्माण हो जाए और डोम का निर्माण कार्य पूरा हो जाए. वर्तमान स्थिति को देखते हुए अनुमान है कि निर्माण दो महीने पीछे है.


मौसम और गर्मी बनी वजह
मौसम और गर्मी के कारण श्रमिकों की कमी भी एक बड़ी समस्या रही है. कई श्रमिक काम छोड़कर चले गए और उन्हें वापस लाने में लार्सन एंड टुब्रो को मुश्किलें आ रही हैं. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि निर्माण की गति में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.


देश-विदेश की पांच कंपनियों ने राम मंदिर में फसाद लाइट लगाने के प्रोजेक्शन दिए हैं.  इन प्रस्तावों पर बैठक में निर्णय लिया जाएगा.


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बढ़ानी होगी श्रमिकों की संख्या
नृपेंद्र  मिश्र ने कहा, "हमने लार्सन एंड टुब्रो को निर्देश दिया है कि वे लेबर में वृद्धि करें और सब कॉन्ट्रैक्टर की संख्या बढ़ाएं. हमें श्रमिकों की संख्या 200 से 250 तक बढ़ानी होगी अन्यथा दिसंबर तक निर्माण पूरा करना असंभव होगा".


राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी और श्रमिकों की कमी को देखते हुए निर्माण समिति ने समय पर काम पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया है. निर्माण समिति  ने एक बैठक की जिसमें ट्रस्टियों ने मंदिर निर्माण कार्य को तय समय में पूरा करने पर विचार किया. कार्यदाई संस्था को निर्देश दिया गया है कि वे सब कॉन्ट्रेक्टर और मजदूरों की संख्या बढ़ाएं. 


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