Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में झूलन उत्सव की तैयारी जोरों से चल रही है. सावन के महीने में अयोध्या के लगभग सभी मठ मंदिर में भगवान राम झूले में सवार होकर भक्तों को दर्शन देते हैं और भगवान के दर्शन के लिए दूरदराज से हजारों लाखों लोग आते हैं. तीन दशक पहले झूलन उत्सव में भगवान राम लकड़ी के झूले विराज कर भक्तों को दर्शन देते थे और उनके दर्शन को हजारों लोगों की भीड़ जुटती थी. लेकिन इस बार अयोध्या में भगवान राम का झूलन उत्सव खास और शानदार होने वाला है. क्योंकि अयोध्या में भगवान राम अब 500 वर्ष के संघर्ष के बाद भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं तो उनके ठाठबाट कुछ अलग ही हैं. 


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वक्त बदल गया है. बीते 22 जनवरी को रामलला लगभग तीन दशक सर्दी, गर्मी और बरसात टैंट में गुजारने के बाद भव्य राम मंदिर में विराजमान हो चुके हैं.  


झूलन उत्सव की तैयारी 
श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि यानी 7 अगस्त से मणि पर्वत पर झूलन महोत्सव शुरू हो जाएगा, लेकिन अयोध्या में झूलन उत्सव की तैयारी में मंदिर प्रशासन अभी से जुट गया है.  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम लला 500 वर्ष के संघर्ष के बाद भव्य राम मंदिर में विराजमान हुए हैं. रामलला के विराजमान होने के बाद यह पहला झूलन उत्सव है. इसलिए रामनवमी की तरह इसे धूमधाम से मनाया जाएगा. राम मंदिर क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. कजरी गीत गाए जाएंगे और रामलला झूले पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे. भगवान श्रीराम का यह झूला चांदी का रहेगा या सोने का ...इस पर मंदिर ट्रस्ट विचार कर रहा है.


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कैसी होगी रामलला की पोशाक
जाहिर है जब रामलला का झूला सोने या चांदी को हो सकता है तो पोशाक भी कम अद्भुत नहीं होगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि झूलन उत्सव के लिए रामलला की पोशाक रत्नजड़ित और सोने-चांदी के धागों से बनी हो सकती है.