Ayodhya Ram Temple, अयोध्या: नव्य, भव्य व दिव्य मंदिर में रामलला विराजमान हैं. प्रभु श्रीराम के दर्शन-पूजन करने दर्शनार्थियों लगातार हर दिन आ रहा हैं जिनको जल्द पालकी की सुविधा प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है ताकि प्रभु श्रीराम के दर्शन करना दर्शनार्थियों के लिए सुलभ हो सके. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से यह सुविधा शुरू किए जाने पर विचार किया जा रहा है. वैसे पालकी या अन्य किसी माध्यमों की जरूरत दिव्यांग और वयोवृद्ध दर्शनार्थियों को होने वाली लेकिन इसके उपयोग पर किसी तरह की बाध्यता नहीं है. जरूरतमंद भक्त पालकी का इस्तेमाल कर सकते हैं. 


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शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए यह सुविधा 
जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर अपने आकार में आ चुका है और लोग लला के दर्शन के लिए लगातार पहुंच रहे हैं. भक्त अपने आराध्य के दर्शन पाने के लिए आ रहे हैं चाहे वो अधिक आयु हो, शारीरिक अक्षमता से ग्रससित हो या कोई और परेशानी हो, ऐसे श्रद्धालुओं को मंदिर तक ले जाने के लिए ट्रस्ट की ओर से व्हील चेयर की सुविधा दी गई है. अधिक वजनी या शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए यह सुविधा पर्याप्त नहीं हो पाती है. ऐसे भक्तों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए आगामी दिनों में ट्रस्ट पालकी की सुविधा उपलब्ध कराने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के मुताबिक इस बारे में कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है. आने वाले समय में व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने पर काम किया जाएगा.


हनुमानगढ़ी से राम मंदिर परिसर के बीच आवागमन
दूसरी ओर अयोध्या में हर दिन दो से ढाई लाख भक्तों के आगमन को देखते हुए योगी सरकार द्वारा एक नया पथ बनकर लगभग तैयार किया जा रहा है जोकि रामलला के मंदिर तक जाता है. 11.81 करोड़ की लागत से सुग्रीव पथ कॉरिडोर तैयार हो रहा है. जिसमें से 5.1 करोड़ में भूमि अधिग्रहण के लिए किया गया है. कॉरिडोर 290 मीटर लंबा है और चौड़ाई लगभग 17 मीटर है. हनुमानगढ़ी से राम मंदिर परिसर के बीच आवागमन के लिए एक आयताकार सर्किट की तरह बनकर तैयार हैं. 


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सुग्रीव पथ से होते हुए राम पथ 
पथ के पांच मीटर दोनों ओर पैदल मार्ग के विकास के लिए उपयोग मे लाया जाएगा. लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता एसबी सिंह के मुताबिक भूमि अधिग्रहण, ध्वस्तीकरण, सीवर का कार्य के साथ ही यूटिलिटी डक्ट, ड्रेन, वाटर पाइप लाइन और डीएलसी,मिट्टी डालने का काम पूरा किया जा चुका है. आरसीसी समेत बाकि सभी काम 15 जुलाई 2024 तक पूरे किए जाएंगे. इसके बाद राम मदिर दर्शन के बाद सीधे सुग्रीव पथ से होते हुए राम पथ से बाहर निकल सकेंगे.