Laxmikant Dixit: 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अनुष्ठान की तैयारी में जुटा हुआ है. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान अयोध्या और काशी के वैदिक आचार्य द्वारा संपन्न कराया जाएगा. इस अनुष्ठान में करीब 121 पुजारियों की टीम होगी. काशी के विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित का प्रमुख पुजारी होंगे. उनके आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली होगी, जो विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी. लक्ष्मीकांत दीक्षित का नाम 5 लोगों की लिस्ट में शामिल है, जो रामलला की प्राण प्रतिस्ठा के दौरान मुख्य गर्भगृह में मौजूद रहेंगे.  


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मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं लक्ष्मीकांत दीक्षित 
लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के जेऊर के रहने वाले हैं. हालांकि, उनका परिवार कई पीढ़ियों पहले काशी में आकर बस गया. उन्होंने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी. वह वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य हैं. उनकी गिनती काशी में यजुर्वेद के अच्छे विद्वानों में होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मीकांत के पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए हैं. उनके पूर्वजों ने ही शिवजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था. लक्ष्मीकांत पूजा पद्धति में भी सिद्धहस्त माने जाते हैं. 


यहां देखें 17-22 जनवरी तक क्या-क्या होगा? 
17 जनवरी को रामजन्म भूमि परिसर में रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभा यात्रा निकालकर मंदिर में स्थापित की जाएगी. उसके बाद 18 जनवरी से पूजन ,अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम में तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास होगा. 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम में पुष्पाधिवास किया जाएगा. 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में दिन 12:20 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी. 12:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी रामलला की पहली आरती उतारेंगे.


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