Ayodhya: अमेठी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी वर्तमान में बीजेपी की सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने नामांकन से ठीक एक दिन पहले रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचीं. उन्होंने रामलला के दर्शन के बाद मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का भी आशीर्वाद लिया. राममंदिर में दर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी की नेता स्मृति ईरानी हनुमानगढ़ी पहुंचीं. वहां भी उन्होंने हनुमान जी का आशीर्वाद लिया. अब वो राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी से आशीर्वाद लेने छोटी छावनी अयोध्या पहुंच रही हैं. 


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रामलला के दर्शन करने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि धर्म और धैर्य निष्ठा और नियम पुरुषार्थ और पराक्रम की भूमि अयोध्या पर आने का मिला है सौभाग्य, प्रभु के चरणों में संतों के सानिध्य में विजय पताका लहराते देखना जीवन का सबसे बड़ा है पुण्य. मैं अपने आप को बहुत की भाग्यशाली समझती हूं. आज संतों का आशीर्वाद संतों का स्नेह लेकर न मनोबल सिर्फ बड़ा है बल्कि पुनः पुण्य पथ चलने के लिए आज मिल रही है प्रेरणा मिलेगी. रामलला के चरणों में राष्ट्र के प्रगति प्रधान सेवक के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के वैभव की प्रार्थना कर हनुमान जी के दरबार में हाजिरी लगाई है. मैंने हनुमान जी के जैसे ही हो सेवा भाव मन में हो ऐसा आशीर्वाद मांगा है. राम लला की करुणा आज हर मां को छू रही है. राम भक्तों के सबसे बड़ा है सौभाग्य आज हम प्रभु को इस भव्य मंदिर में आराध्या के रूप में देख पा रहे हैं. 


इसके बाद उन्होंने कहा कि "आज मैं अपने आप को भाग्यशाली समझती हूं कि मैं एक ऐसे युग में जन्मीं हूं, जिसने हमारे राम लला को टैंट से भव्य मंदिर में भव्य समारोह में स्थापित होते देखा है. राम भक्तों का ये सबसे बड़ा सौभाग्य है कि आज हम प्रभु श्री राम को इस भव्य रूप में भव्य मंदिर में विराजमान होते देख पा रहे हैं."


कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस सनातन और राष्ट्र विरोधी हैं और उन्होंने हमेशा सनातन तथा हिंदुत्व को कमजोर करने का काम किया. स्मृति ईरानी ने अमेठी संसदीय क्षेत्र के जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र के गोसाईं, डोमाडीह, थौरी, रानीगंज में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने हमेशा सनातन और हिंदुओं को कमजोर करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि ये हिंदुत्व का विरोध करते-करते प्रभु राम का भी विरोध कर बैठे. इन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भी ठुकरा दिया, इसलिए जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं.