तो क्या बंद हो जाएंगी कानपुर से कोटा तक कोचिंग की मंडियां, जानिए गाइडलाइन का 1-1 प्वाइंट
कोचिंग में मेधावी छात्रों के बीच आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा, नामचीन संस्थानों द्वारा ज्यादा फीस की वसूली, तनाव-अवसाद के कारण आत्महत्या के बढ़ते मामलों और संकरे स्थानों पर खुलते कोचिंग संस्थानों पर कठोर कदम सरकार ने उठाया है.
देश के स्कूलों में पढ़ाई की गिरती साख और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच कोचिंग-ट्यूशन की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उसने प्राइवेट कोचिंग केंद्रों को लेकर गाइडलाइन तैयार की है. इसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग देने पर पाबंदी जैसा बड़ा और कड़ा कदम भी शामिल है. सरकार के इस कड़े कदम से दिल्ली, नोएडा से लेकर कानपुर से कोटा तक कोचिंग मंडियों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
आईआईटी जेईई और नीट, सीडीएस-एनडीए जैसी परीक्षाओं के टॉपर्स की फोटो देकर उन्हें संस्थान से पढ़े होने का दावा करना. कोचिंग की इमारतों और रास्तों पर मेधावी छात्रों के बैनर पोस्टर आपने खूब देखे होंगे, लेकिन इनमें अक्सर ज्यादातर दावे भ्रामक और झूठे पाए जाते हैं. एक-एक छात्रों पर कई-कई संस्थानों के दावे शामिल हैं. नई गाइडलाइन में निर्देश है कि संस्थान ऐसे भ्रामक वादे नहीं करेंगे. रैंक या टॉपर में पोजिशन दिलाने जैसी गारंटी नहीं देंगे. 'कोचिंग केंद्र के पंजीकरण एवं विनियमन हेतु दिशानिर्देश 2024' नाम की यह गाइडलाइन नई शिक्षा नीति के तहत टर्निंग प्वाइंट हो सकती है.