Ayodhya Ram Mandir : अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर उद्घाटन के लिए न्‍योता दिया जा रहा है. राम मंदिर समिति की ओर से विपक्ष के शीर्ष नेताओं को भी राम मंदिर उद्घाटन के लिए न्‍योता दिया गया, हालांकि, विपक्ष इस निमंत्रण को लेकर सियासत शुरू कर दी है. विपक्ष इसे RSS का निजी कार्यक्रम बताकर उद्घाटन समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया है. तो आइये जानते हैं कि कांग्रेस और सपा ने क्‍यों निमंत्रण को ठुकरा दिया है. साथ ही किन विपक्षी नेताओं ने न्‍योते को स्‍वीकार किया है कौन नहीं?.   


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सोनिया और खड़गे ने इनकार किया 
दरअसल, पिछले महीने राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का निमंत्रण विपक्षी दल कांग्रेस के शीर्ष नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आदि को दिया गया था. कांग्रेस ने इसे आरएसएस-बीजेपी का निजी कार्यक्रम बताकर अस्‍वीकार कर दिया है. दोनों ने इसे राजनीतिक प्रोजेक्ट बताया है. 



अखिलेश यादव ने क्‍या कहा?
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार्य कर चुके हैं. अखिलेश ने कहा था कि मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है. निमंत्रण देने वालों को मैं नहीं जानता हूं. जिनको जानता नहीं, उनका निमंत्रण स्वीकार कैसे करूंगा. जब भगवान राम बुलाएंगे तब जाऊंगा. वहीं सपा की डिंपल यादव ने कहा है कि अगर निमंत्रण मिलेगा तो सोचूंगी. 



इनको भेजा गया था निमंत्रण 
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से कई विपक्षी नेताओं को अयोध्‍या में रामलला की प्राण प्रत‍िष्‍ठा समारोह का न‍िमंत्रण भेजा गया था. सीपीएम और शिवसेना (यूबीटी) पार्टी पहले ही इस समारोह से किनारा कर चुके हैं. कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा का यह स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा का कार्यक्रम है, इसलिए पार्टी नेताओं ने इस समारोह में नहीं जाने का फैसला किया है. 


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राम मंदिर कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. भगवान श्रीराम का सम्मान करते हैं. राम मंदिर का अगर निमंत्रण नहीं मिलेगा तो भी अयोध्या जाएंगे. सपा महासचिव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पूंजीपतियों की पार्टी है.