Ayodhya News: राम नगरी अयोध्या को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रदेश के प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू ने बताया अयोध्या से जुड़ने वाले चार हाईवे जल्द ही ग्रीन रूट घोषित किए जाएंगे. इन रूटों पर प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर मार्ग पर सार्वजनिक परिवहन के लिए सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे. इन ग्रीन रूटों पर 500 करोड़ रुपये की लागत से 120 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. सरकार डीजल वाहनों को धीरे-धीरे हटाने की तैयारी कर रही है. 


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प्रमुख सचिव ने बताया प्लान
शनिवार को एक प्रेस वार्ता में प्रमुख सचिव ने बताया कि परिवहन निगम ने 100 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदारी पहले से कर चुका है. उन्होंने बताया कि ग्रीन रूट की योजना पर चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा. डीजल वाहनों को बंद करने से पहले यात्रियों की तादात को ध्यान में रखते हुए पहले घोषित मार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहन उतारे जाएंगे. अनुबंध के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए बेहतर रूट और बस स्टेशन दिए जाएंगे. परिवहन निगम के अफसर इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन मुहैया कराने के लिए सुपरविजन करेंगे, इन सुविधाओं के लिए जो परिवहन को ज्यादा शुल्क देगा, उसे ग्रीन रूट पर वाहन चलाने की अनुमति दी जाएगी. 


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ग्रीन रूट को लेकर फैसले के मुख्य बिंदु


ग्रीन रूट की घोषणा
चार प्रमुख हाइवे को ग्रीन रूट घोषित किया जाएगा, जिनमें केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चल सकेंगे. यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है.


इलेक्ट्रिक वाहनों की मंजूरी
इन हाइवे पर सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों को चलने की अनुमति होगी. इससे पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी और हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा.


अयोध्या को और हरा-भरा बनाने का प्रयास 
सरकार द्वारा यह निर्णय अयोध्या को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के प्रयासों का हिस्सा है. यह कदम अयोध्या के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी स्वच्छ वातावरण मिल सके.


प्रदूषण मुक्त अयोध्या
इस पहल के माध्यम से अयोध्या को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. ग्रीन रूट्स पर इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और शहर की स्वच्छता में वृद्धि होगी.


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