Ayodhya News: यादव चला मोहन के साथ, लखनऊ में आज एमपी सीएम के सहारे अखिलेश के वोट पर बीजेपी की चोट
Ram Mandir News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 3 मार्च यानी आज फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर होंगे. दूसरी ओर मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जा रहे हैं. अयोध्या में अपने प्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए मध्य प्रदेश सरकार खास व्यवस्था करने जा रही है.
MP Cabinet Minister Ayodhya Visit: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 3 मार्च यानी आज फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर होंगे. डॉ. मोहन यादव आज यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित यादव महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. यादव महाकुंभ का आयोजन श्री कृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक समेत सरकार के कई विधायक भी मंच पर मौजूद रहेंगे. यादव महाकुंभ के जरिए समाजवादी पार्टी के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति है. आयोजक मनीष यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी में यादवों का सम्मान नहीं है. उनका ये भी दावा है कि आज के कार्यक्रम में सपा के 10 विधायक और तमाम बड़े नेता भाजपा की सदस्यता लेंगे. आपको बता दें कि बीते एक महीने में मोहन यादव का यूपी का ये दूसरा दौरा है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले इस कार्यक्रम के जरिए वो भारतीय जनता पार्टी के लिए यादव वोट बैंक का समीकरण साधेंगे.
यूपी में यादव का आंकड़ा और बीजेपी का बड़ा प्लान
उत्तर प्रदेश की कई लोकसभा सीटों पर यादव वोटर्स निर्णायक होते हैं जिसको साधने के लिए बीजेपी ने डॉ मोहन यादव को आगे करना शुरू किया है. उत्तर प्रदेश की ओबीसी आबादी में 20 प्रतिशत यादव की संख्या है और 9 फीसदी यादव वोट पूरे यूपी में हैं जोकि इटावा , एटा, संत कबीर नगर के साथ ही बदायूं, फिरोजाबाद, बलिया , फैजाबाद और जौनपुर, मैनपुरी में उम्मीदवार की जीत का रास्ता खोलते हैं.
डॉ. मोहन यादव तुरूप का इक्का
साल 2024 में जब लोकसभा चुनाव के बाद साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होगा, ऐसे में बीजेपी उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी यादव चेहरे के रूप में मोहन यादव को प्रस्तुत करते साबित करना चाहती है कि पार्टी ने ओबीसी चेहरा को ज्यादा ओबीसी जनसंख्या वाले राज्य में मौका दिया है. डॉ. मोहन यादव ने एक माह पहले ही अखिलेश के गढ़ आजमगढ़ में हुंकार भरी जहां पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया था.
वहीं अयोध्या की बात करें तो जब से रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हुआ है तब से उनके दर्शन पाने के लिए उनके भक्त उनके भव्य मंदिर में पहुंच रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश से वहां के लिए मोहन यादव (Mohan Yadav) की कैबिनेट कल यानी चार मार्च को अयोध्या पहुंच रही है. जहां रामलला (Shri Ramlalla) के दर्शन के बाद वहीं बैठक का भी आयोजन होगा. इस दौरान एमपी के सीएम मोहन यादव समेत उनके मंत्री भी शामिल रहेंगे. मोहन कैबिनेट के साथ बीजेपी के कई और वरिष्ठ नेताओं के अयोध्या पहुंचने की बात सामने आई है.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम मोहन यादव (Mohan Yadav) ने बीते शनिवार को जानकारी दी है कि उनकी सरकार अयोध्या (Ayodhya) में धर्मशाला बनवाएगी जिसमें उनके प्रदेशवासी ठहर सकेंगे. अयोध्या में उनकी सरकार विक्रमादित्य घाट बनाने पर भी विचार करने लगी है. सीएम यादव ने ये भी कहा कि- वह अपनी कैबिनेट के साथ 4 मार्च को अयोध्या जाकर श्री रामलला (Shri Ramlalla) के दर्शन करेंगे.
सीएम मोहन यादव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि '22 जनवरी को पीएम मोदी व सरसंघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुआ जिससे ऊर्जा का वातावरण पूरे देश में पैदा हुआ है. हमने चार मार्च को मंत्रीमंडल के साथ अयोध्या जाने का फैसला किया है. उन्होंने ये भी कहा कि हम रामराज्य के सपने को साकार करने के लिए संकल्पित हैं व आगे बढ़ेंगे."
विक्रमादित्य घाट बनाने की कोशिश
उन्होंने आगे बताया कि "भगवान राम का मध्य प्रदेश से विशेष संबंध है. 2000 साल पहले सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या में बड़ा भव्य मंदिर बनाया. हमारी सरकार प्रयास करेगी कि न केवल रामलला के दर्शन करें बल्कि मध्य प्रदेश के लोगों के लिए धर्मशाला बनाने का प्रयास करें. सरयू किनारे अगर भूमि उपलब्ध हुई तो हमारी सरकार विक्रमादित्य घाट बनाने की कोशिश करेगी.'
मंत्रिमंडल का शेड्यूल तय
अयोध्या में बड़ी संख्या रामलला के दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं. ऐसे में यूपी की योगी सरकार ने वीआईपी लोगों के अयोध्या आगमन की जानकारी पहले देने की बात कही है. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जन्मभूमि ट्रस्ट को शेड्यूल पहले ही भेज दिया गया है. अयोध्या में बीजेपी शासित राज्यों की कैबिनेट के पहुंचने को लेकर पहले ही शेड्यूल बना लिया गया है. हर प्रदेश के अलग-अलग तारीख तय कर ली गई जिसके तरह इन्हें अयोध्या आना है. फरवरी में महाराष्ट्र, गोवा, असम, गुजरात, राजस्थान हरियाणा, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश व उत्तराखंड कैबिनेट के लिए अलग-अलग दिन तय किया गया था.