`2500 साल तक राम मंदिर पर भूकंप का नहीं होगा असर`, वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा का दावा
Ram Mandir News : एक मीडिया रिपोर्ट में अयोध्या राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के हवाले से कहा गया है कि ``राम मंदिर नागर वास्तुकला शैली पर आधारित है. राम मंदिर अगले 2500 वर्षों तक भूकंप से प्रभावित नहीं होगा.``
Chandrakant Sompura : 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर उद्घाटन के लिए तैयार है.राम मंदिर को लेकर लोगों के मन में उत्सुकता है. हर कोई प्रभु श्रीराम की एक झलक पाना चाहता है. लोगों के मन में सबसे अधिक जिज्ञासा राम मंदिर की डिजाइनिंग को लेकर है. राम मंदिर के आर्किटेक्ट (वास्तुकार) चंद्रकांत सोमपुरा हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में अयोध्या राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के हवाले से कहा गया है कि ''राम मंदिर नागर वास्तुकला शैली पर आधारित है. राम मंदिर अगले 2500 वर्षों तक भूकंप से प्रभावित नहीं होगा.''
चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक "डिजाइन वही है जो पहले था. अदालत के फैसले के बाद, हमने तीन जोड़े अधिक मंडप और उनकी ऊंचाई बढ़ाई गई. मंदिर नागर स्थापत्य शैली पर आधारित है."
राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार हैं चंद्रकांत सोमपुरा?
चंद्रकांत सोमपुरा अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार हैं. वह गुजरात के एक पत्थर-श्रमिक समुदाय से संबंध रखते हैं. यह समुदाय दक्षिणी राजस्थान विशेष रूप से मेवाड़ में भी पाया जाता है.
यह समुदाय अपने व्यवसाय के रूप में कलात्मक और चिनाई का काम करता है. भगवान शिव समुदाय के मुख्य देवता हैं और समुदाय के लोग चिनाई के काम, कलात्मक नक्काशी और मूर्तिकला के साथ-साथ कलात्मक पत्थर को आकार देने के काम में भी पारंगत हैं. चंद्रकांत सोमपुरा की 15 पीढ़ियां यही काम करता आया है. परिवार का दावा है कि वे अब तक 131 मंदिरों के डिजाइन ये तैयार कर चुके हैं. चंद्रकात सोमपुरा अब 77 वर्ष के हैं. इन्होंने तीन दशक से भी ज्यादा पहले काम करना शुरू किया था. मंदिर डिजाइन की पंरपरा को अब चंद्रकात सोमपुरा के बेटे निखिल (55) और आशीष (49) आगे बढ़ा रहे हैं.
कई मंदिरों का किया डिजाइन
चंद्रकांत सोमपुरा के दादा प्रभाशंकर ओघड़भाई नागर शैली के मंदिरों के अग्रणी डिजाइनरों में से एक थे जिन्होंने आधुनिक सोमनाथ मंदिर का डिजाइन और निर्माण किया था. चंद्रकांत एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसने भारत में 200 से अधिक संरचनाओं को डिजाइन किया है और वह अपने परिवार की 15वीं पीढ़ी हैं जो मंदिरों को डिजाइन करने की कला में शामिल हैं. चंद्रकांत सोमपुरा ने मुंबई में स्वामीनारायण मंदिर और कोलकाता में प्रसिद्ध बिड़ला मंदिर के भी वास्तुकार हैं. राम मंदिर के साथ ही चंद्रकांत ने गांधीनगर में स्वामी नारायण मंदिर और पालनपुर में अंबाजी मंदिर सहित लगभग 130 मंदिरों को डिजाइन किया है.
लगभग 32 साल पहले, विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल ने बिड़ला परिवार के माध्यम से चंद्रकांत से अयोध्या में राम मंदिर के लिए एक डिजाइन लाने के लिए संपर्क किया था. दिलचस्प बात यह है कि जब वह उस समय जमीन की टोह लेने के लिए अयोध्या गए थे, तो उन्हें मास्टर प्लान तैयार करने के लिए खुद की पहचान एक राम भक्त के रूप में छिपाना पड़ा था और नक्शेकदम पर क्षेत्र को मापना पड़ा था.