Ayodhya ram mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को, 20 प्वाइंट में समझें राम मंदिर की विशेषताएं
Ayodhya ram mandir: सालों तक चली राम जन्भूमि के विवाद का परिणाम अब 22 जनवरी को देखने को मिलेगा, पर क्या आप जानते है कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं क्या- क्या है. इस मंदिर में ऐसा क्या खास है जो इसे और मंदिरों से अलग करता है.
Ayodhya ram mandir: सालों तक चली राम जन्भूमि के विवाद का परिणाम अब 22 जनवरी को देखने को मिलेगा. इतने सालों तक चली लड़ाई के बाद आखिरकार अब जाकर राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. पूरा देश प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एक त्योहार के रूप में मनाने के लिए उत्साहित है. पर क्या आप जानते है कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं क्या- क्या है. इस मंदिर में ऐसा क्या खास है जो इसे और मंदिरों से अलग करता है.
दरअसल राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अपने ट्वीटर( वर्तमान में एक्स) पर जानकारी साझा करते हुए जानकारी दी है. तीर्थ क्षेत्र ने ट्वीटर पर एक पोस्ट करते हुए राम मंदिर की 20 विशेषताएं गिनवाई है. इसमें मंदिर की बनाबट से लेकर आधुनिक सुविधाएं भी गिनवाई गई है. राम मंदिर के बारे में विशेषताएं नीचे दिए गए 20 बिंदुओं में उल्लेखित है.
1. नागर शैली
मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है.
2. मंदिर की लंबाई
मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
3. तीन मंजिला
मंदिर तीन मंजिला रहेगा. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे.
4. मुख्य गर्भगृह
मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा.
5. 5 मंडप
मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप
6. मूर्तियां
खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं.
7. पूर्व दिशा
मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा.
8. रैम्प व लिफ्ट
दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी.
9. आयताकार परकोटा
मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी.
10. परकोटा
परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा.
11. सीताकूप
मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा.
12. अन्य मंदिर
मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
13. प्राचीन मंदिर
दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
14. लोहे का प्रयोग
मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है.
15. रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट
मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है.
16. 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट
मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.
17. मंदिर परिसर
मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे.
18. Pilgrims Facility Centre
25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी.
19. स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन
मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी.
20. भारतीय परम्परानुसार
मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा.
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