Shravasti News: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में मिशन शक्ति अभियान के फेज 5 के तहत एक अनूठी पहल की गई, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं का मनोबल बढ़ाना और उन्हें सशक्त बनाना है. इस पहल के तहत, एसपी घनश्याम चौरसिया ने कक्षा 11 की छात्रा सरिता को एक दिन का पुलिस अधीक्षक (एसपी) और लक्ष्मी को एडिशनल एसपी नियुक्त किया. इस मौके पर दोनों छात्राओं ने एसपी और एडिशनल एसपी के रूप में पुलिस कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान भी किया.


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इस दौरान, सरिता और लक्ष्मी ने न केवल फरियादियों की समस्याओं को सुना, बल्कि डाक फाइलों पर हस्ताक्षर भी किए और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आदेशित करते हुए समस्याओं का समाधान किया. श्रावस्ती के एसपी घनश्याम चौरसिया की इस पहल को इलाके में खूब सराहा जा रहा है. यह कदम महिलाओं और बालिकाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.


एक दिन की एसपी बनी सरिता ने जन सुनवाई के दौरान कोतवाली भिनगा क्षेत्र के भवानी नगर गांव के एक फरियादी की समस्या सुनी. फरियादी ने बताया कि विपक्षियों ने उसे गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडे से मारा पीटा, और उसे बचाने आई उसकी बेटी को भी पीटा. इस पर, एक दिन की एसपी बनी सरिता ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया.


अपनी इस भूमिका के अनुभव को साझा करते हुए सरिता ने कहा, "महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उनका आत्मबल बढ़ाना बेहद ज़रूरी है. यह अनुभव मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रहा और मुझे पुलिस के कार्यों को करीब से जानने का मौका मिला"


इस प्रकार, मिशन शक्ति अभियान के तहत उठाया गया यह कदम महिलाओं और बालिकाओं के मनोबल को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ है.