Supreme Court judges: अयोध्या राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला देने वाले तत्कालीन पांच जजों को राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का न्योता दिया गया है. यह कदम रामलला प्राण प्रतिष्ठा के पहले भूचाल लाने वाला है. 


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रिपोर्ट के अनुसार, 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश यानी CJI डीवाई चंद्रचूड़ को भी न्योता भेजा गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के उन पांच जजों को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने 2019 में राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाया था. पांच जजों की सुप्रीम कोर्ट की पीठ में राम जन्मभूमि के मालिकाना हक से जुड़े 100 साल से भी अधिक पुराने टाइटल सूट / मुकदमे में सर्वसम्मति से फैसला दिया था. इसी के साथ श्रीराम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का अंत हो गया था.


सुप्रीम कोर्ट की पीठ में कौन थे जज
नवंबर 2019 में अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला देने वाली खंडपीठ में पांच जज थे.इसमें जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ तब के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी थे. 


खंडपीठ ने एकमत से दिया था फैसला
इन पांच जजों की खंडपीठ ने अलग-अलग टिप्पणियां की थीं, लेकिन एकमत से फैसला दिया था. इसके बाद ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण मार्ग प्रशस्त हुआ. सरकार की ओर से राम मंदिर ट्रस्ट बनाया गया. फिर नृपेंद्र मिश्र, चंपत राय जैसे बड़े लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई.


राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचे से जुड़े विवाद के फैसले में कहा था, एक ट्रस्ट का गठन कर विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण होगा. साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए केंद्र अयोध्या में ही वैकल्पिक जगह की पहचान कर 5 एकड़ जमीन आवंटित करेगी. पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया था.


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