अयोध्या : साल 2005 में श्री रामजन्म भूमि पर हुए हमले के बाद आज यानी 5 जुलाई को अयोध्या परिसर मंदिर की 19वीं बरसी मना रहा है. क्योंकि आज ही के दिन 5 आतंकवादियों के द्वारा रामलला पर रॉकेट लांचर से क्षति पहुंचाने की कोशिश की थी. राम जन्मभूमि के भव्य मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 अगस्त के दिन की बड़े ही धूम धाम से उत्सव मनाए जाने की तैयारियां भी चल रही है.


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5 आतंकियों ने किया था सीता रसोई में प्रवेश
अयोध्या की वह मनहूस तारीख 5 जुलाई 2005 थी. जब उस समय विवादित रहे परिसर में विराजमान रामलला के टेंट के अस्थाई मंदिर पर आतंकियों ने हमला किया था. परिसर के पास पहुंचते ही आतंकियों के मार्शल जीप में धमाका हुआ और परिसर की बैरीकेडिंग पूरी तरह से टूट गई और फिर 5 आतंकी अंदर दाखिल हुए. परिसर में गोलियों के चलने की गूंज सुनाई देने लगी जिसमें दो आतंकी का मकसद सिर्फ रामलला के टेंट को उडाना था. तीन अन्य साथियों का मकसद था कि वे किया तहर विवादित स्थल के बगल में मौजूद सीता रसोई में प्रवेश कर ले. क्योंकि सीता रसोई एक बड़ी इमारत थी और ऊँचाई पर भी थी. वहाँ से उन्हें पूरा परिसर दिखाई देता और उस जगह पर वो सुरक्षित भी रहते इसलिए वो सीधे सीता रसोई की तरफ बढ़ रहे थे. उनका मकसद इस आतंकी हमले को लम्बे समय तक चलाते रहने और ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने का था. लेकिन मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने एक-एक करके सभी आतंकियों को मार गिराया था.


आधुनिक सुरक्षा यंत्रो से है लैस
राम जन्मभूमि पर हुए आतंकी हमले के बाद राम जन्मभूमि को रेड जोड़ और राम कोट क्षेत्र को यलो ज़ोन एरिया घोषित कर दिया था. साथ ही वहां की सभी गलियों व चौराहों पर भी बैरिंग केटिंग लगा दी थी. जहां आज भी इन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा रहती है और बिना परिमिशन के कोई भी वाहन इस क्षेत्र में दाखिल नही हो सकते है. वहीं राम जन्मभूमि परिसर को आधुनिक सुरक्षा यंत्रो से लैस किया जा रहा है. परिसर के आसपास के क्षेत्रों  को स्क्रीन स्कैनिंग मशीन, सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है. प्रदेश सरकार के द्वारा नवगठित एसएसएफ की भी टुकड़ियों को सुरक्षा प्वाइंट पर सशस्त्र तैनात किया हैं. इंटेलिजेंस एजेंसियां राम मंदिर समेत पूरे अयोध्या क्षेत्र पर निगहरानी कर रहा हैं.


सुरक्षा बलों ने किया था ढेर
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि आज ही के दिन साल 2005 में बालक राम टेंट में विराजमान थे. भक्त यहां दर्शन के लिए आते थे उसी दौरान आतंकवादियों ने हमला कर दिया था. सुरक्षा में तैनात लोगों को पता नहीं था क्योंकि पहली बार ऐसी घटना हुई थी. जैसे ही आतंकवादियों ने लांचर फेंका फिर वहां तेज से आवाज हुई उसके बाद सभी सुरक्षा में तैनात जवान सतर्क हो गए. सभी ने कहा आतंकवादी आ गए जिसके बाद सीआरपीएफ के जवान तैयार हो गए. आतंकवादी बैरिकेडिंग तोड़कर सीता रसोई के पीछे आ गए. उन आतंकवादियों का उद्देश्य था कि प्रभु राम जहां विराजमान है उसको खत्म कर दिया जाए लेकिन मौके पर सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को ढेर कर दिया था.


आज इस घटना की 19वीं बरसी है और तब में आज में जमीन आसमान का फर्क है. आज अयोध्या बदली हुई नजर आ रही है. बालक राम अपने भव्य महल में विराजमान है. आगामी 2 सालों में मंदिर पूरी तहर से बनकर तैयार हो जाएगा.


क्या कहा प्रभारी शरद शर्मा ने
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतिय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि 5 जुलाई 2005 को जो घटना घटित हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी कहीं ना कहीं हिंदू समाज को दुखी करने वाली थी. लेकिन उस दौरान जितने भी आतंकवादी थे वह सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए क्योंकि यहां की रक्षा पवन पुत्र हनुमान करते हैं. शरद शर्मा ने कहा कि 1528 में जिस प्रकार से आक्रांताओं ने हमारे मठ मंदिर को तोड़ा हमारे धर्म स्थल पर कब्जा किया, उसे रोकने का प्रयास किया था. लेकिन वक्त बदला समय बदला और हमारे मठ मंदिर अब हमें वापस मिल रहे हैं. शरद शर्मा ने कहा कि एक महीने बाद 5 अगस्त का वह दिन है जिस दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन किया था और आज भव्य मंदिर अपनी प्रगति पर है.