UP Pujari Training: यूपी के मंदिरों के पुजारी अब फर्राटेदार इंग्लिश बोलेंगे और ये पुजारी कंप्यूटर चलाने में भी एक्सपर्ट होंगे. अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से जनवरी में एक योजना शुरू की थी, उस छह मासिक पुजारी प्रशिक्षण योजना को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विस्तार देने की तैयारी शुरू कर दी है. इस योजना के तहत अयोध्या समेत अन्य जगहों पर पुजारी स्थाई ट्रेनिंग सेंटर शुरू की जाएगी. इस सेंटर में ट्रेनिंग लेने वाले पुजारियों को वैष्णव परंपरा में पूजन की शास्त्रीय विधि और जरूरी कर्मकांड के साथ ही इंग्लिश और कम्प्यूटर की जानकारी दी जाएगी. इतना ही नहीं उन्हें वैदिक पूजन परंपरा का वैज्ञानिक महत्व भी समझाया जाएगा. ताकि ट्रेनिंग लेने वाले ये पुजारी/पुरोहितों को विशेषज्ञता हासिल हो सके और वह भारतीय ज्ञान परंपरा को देश-विदेश में समृद्ध करें. साथ ही युवा पीढ़ी में सनातन धर्म के प्रति जिज्ञासा पैदा कर सकें.


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क्यों उठाया जा रहा ये कदम?
रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू समुदाय की चिंता को देखते हुए विहिप की ओर से ये कदम उठाया जा रहा है. विहिप की मानें तो विदेशों के मंदिरों में ऐसे पुजारी नहीं मिलते, जिन्हें वेद-पुराण में महारत हासिल हो. वह न ही वैष्णवाराधन की शास्त्रीय पद्धति के अच्छे जानकार होते हैं. ऐसे में जो हिंदू विदेशों में रहते हैं, उन हिंदू परिवार के क्षेत्र में मंदिर तो है लेकिन धार्मिक परंपराओं के जानकार पुजारियों की कमी के चलते उन हिंदू परिवारों के युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान सही ढंग से नहीं हो पाता. इसके चलते माता-पिता व अभिभावक बेहद चिंतित रहते हैं. सबसे बड़ी परेशानी तो पुजारियों को संबंधित देश के श्रद्धालुओं की बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान न होना है. यहीं वजह है कि यूपी में एक ऐसे ट्रेनिंग सेंटर का विस्तार हो रहा है, जो पुजारियों की ट्रेनिंग में मदद करेगा. इससे पुजारी/पुरोहित युवा भक्तों के साथ घुल मिल सकेंगे और उनकी शंकाओं का समाधान भी कर पाएंगे.


डिग्री या डिप्लोमा सर्टिफिकेट पर मंथन
विहिप की योजना के मुताबिक, 30 छात्रों का एक बैच, जो अनिवार्य रूप से विहिप व अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों द्वारा संचालित 'वेद विद्यालयों' से निकाला जाएगा, उस विहिप प्रशिक्षित पुजारियों को सर्टिफिकेट दिलाने की भी तैयारी है. उनके प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए एक सरकारी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करने की प्रक्रिया चल रही है. अगर इन ट्रेनिंग ले चुके पुजारियों को डिग्री, डिप्लोमा या फिर अन्य प्रमाण पत्र मिलता है तो उन्हें दूसरे देशों में नौकरी पाने में मदद मिलेगी. इस योजना के तहत ट्रेनिंग लेने वालों को बोर्डिंग की सुविधा भी दी जाएगी. ये ट्रेनिंग सेंटर नि:शुल्क होंगे. इससे पहले श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा 6 महीने की ट्रेनिंग योजना में 21 पुजारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इन पुजारियों को निर्धारित प्रक्रिया में राम मंदिर में नियुक्ति का ऑफर भी दिया गया. इसके लिए तीन सदस्यीय चयन कमेटी का गठन किया गया है.


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