अयोध्या: अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद अब यहां पर लक्षचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाएगा जिसको काशी के वैदिक ब्राह्मण करवाएंगे. 100 से ज्यादाकाशी के वैदिक ब्राह्मण यहां पर पहुंचतक तय दिनांक 22 फरवरी से सरयू के तट पर अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा कराएंगे. एक लाख दुर्गा सप्तशती पाठ इन वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा, श्रीरामकथा और देवी भागवत कथा भी किया जाएगा.


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सौ कुंडीय यज्ञ 
श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित रहे और अब इनके आचार्यत्व में विश्व के कल्याण व देश के सर्वांगीण विकास के लिए सरयू के तट पर लक्षचंडी यज्ञ का आयोदन किया जा रहा है. मुख्य अनुष्ठान कराने वाले 21 वैदिक ब्राह्मण जोकि काशी से आए होंगे. इस यज्ञ में देशभर के 2000 वैदिक ब्राह्मण शामिल होंगे, जो सौ कुंडीय यज्ञ तो करेंगे ही साथ ही देवी पाठ भी करेंगे. 


पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित की जानकारी
बताया कि श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की तरफ से 22 फरवरी से नौ मार्च तक चलने वाले यज्ञ में एक लाख देवी पाठ किया जाएगा. विघ्न विनायक की प्रसन्नता के लिए  एक लाख गणपत्यथर्व पाठ से अतिगणपति महायज्ञ का आयोजन होगा. स्वामी राघवाचार्य महाराज के संयोजन के साथ ही महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज की देखरेख में अनुष्ठान को संपन्न कराया जाएगा. श्रीरामकथा व श्रीमद्भागवत कथा और संत सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी. यज्ञ में सौ दंपती यजमान उपस्थित रहेंगे.