अब जेल में बंद अपराधी नहीं कर पाएंगे कोई साजिश, ड्रोन कैमरे से रखी जाएगी नजर
जेल के अंदर और बाहर की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल प्रशासन ने ये कदम उठाया है. जेल परिसर के आसपास लगभग दो किलोमीटर के दायरे तक ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी.
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश की अति संवेदनशील जेलों में से एक आजमगढ़ जिला जेल में बंद अपराधी अब किसी भी तरह की मनमानी नहीं कर पाएंगे. दरअसल , अब यहां पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी. ये ड्रोन कैमरा सिर्फ जेल में नहीं बल्कि आसपास के दो किलोमीटर की परिधि पर नजर रखेगा. जेल परिसर में बनाए गए कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी.
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ड्रोन कैमरे से की जाएगी कारागार प्रशासन की निगरानी
जेल की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जेल प्रशासन ने ड्रोन कैमरे की मांग की थी. शासन स्तर से जिला जेल को ड्रोन कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं. ड्रोन कैमरो के जरिए जेल में बंद कैदियों की निगरानी की जाएगी. जेल परिसर में बनाए गए कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी. शासन से मिले ड्रोन कैमरे का जेल प्रशासन ने ट्रायल भी कर लिया है.
दो किलो के दायरे तक रहेगी ड्रोन की नजर
जेल के अंदर और बाहर की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल प्रशासन ने ये कदम उठाया है. जेल परिसर के आसपास लगभग दो किलोमीटर के दायरे तक ड्रोन कैमरे से नजर रखी जाएगी. बता दें की आजमगढ़ जेल प्रदेश के अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल है. यहां पर कई खूंखार अपराधी बंद हैं.
कई बंदियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
ड्रोन कैमरा संचालित करने के लिए कई बंदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे की विशेष परिस्थिति में बेहतर निगरानी हो सके. वहीं सुरक्षा के बाबत हुई इस नई व्यवस्था से जेल में निरुद्ध बंदियों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि ड्रोन कैमरे की मदद से अब जेल के अंदर होने वाली अवांछनीय गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. इससे जेल के भीतर निगरानी की जाएगी.
जेल में रची गई थी हत्या की साजिश
बता दें कि जनवरी के महीने में लखनऊ में मऊ जिले के मोहम्दाबाद गोहना के रहने वाले हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की पूरी साजिश आजमगढ़ जेल में बंद कुख्यात अपराधी कुंटू सिंह और अखंड प्रताप सिंह ने रची थी. दोनों के करीबी बदमाशों ने इस हत्या को अंजाम दिया था.
इसके अलावा आजमगढ़ जेल में पिछले साल निरुद्ध बंदियों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की थी. हफ्तों तक जेल में बवाल कटा था. इस घटना के बाद से ही आजमगढ़ जेल को प्रदेश की अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल किया गया.
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