कौन हैं शिक्षकों के लिए आंदोलन करने वाले लाल बिहारी यादव, अखिलेश यादव ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
Lal Bihari Yadav: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने एमएलसी लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें अखिलेश का करीबी बताया जाता है.
उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष का ऐलान हो गया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एमएलसी लाल बिहारी यादव को उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. लाल बिहारी यादव आजमगढ़ से ताल्लुक रखते हैं और माध्यमिक शिक्षकों से जुड़ी मांगों को जोरशोर से उठाते रहे हैं. सपा ने विधान परिषद में किरनपाल कश्यप को मुख्य सचेतक बनाया है. जबकि आशुतोष सिन्हा सचेतक होंगे. जासमीर अंसारी विधानपरिषद में समाजवादी पार्टी के उप नेता होंगे.
लाल बिहारी यादव शिक्षकों से जुड़े मुद्दे पर लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं. लाल बिहारी ने समाजवादी पार्टी से वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी और विधान परिषद सदस्य बने थे. वित्त विहीन शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए लालबिहारी ने 2004 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्त विहीन गुट) का गठन किया था.
उनकी अपनी वेबसाइट Lal Bihari Yadav का एक जुलाई 1960 में आजमगढ़ जिले के विशुनपुर गांव में हुआ था. वो मौजूदा वक्त में राधा कृष्ण इण्टर कॉलेज खरिहानी आजमगढ़ में प्रिंसिपल भी हैं. छोटे किसान परिवार से आने वाले लाल बिहारी यादव में राजनीतिक गुण किशोरावस्था से ही दिखने लगे थे. एमए, बीएड और एलएलबी के साथ उन्होंने कुछ वक्त तक वकालत भी की.
लाल बिहारी यादव का कहना है कि वो माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सेवा नियमावली को लेकर संघर्षरत है. पुरानी पेंशन योजना लागू करने के भी वो हिमायती हैं.सरकारी शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र भी 60 से बढ़ाकर 65 साल करने की उनके संगठन की मांग है. एलटी और सीटी शिक्षकों के वेतन की विसंगतियां दूर करना और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति को उचित बनाने की मांग भी इसमें शामिल है.
और भी पढ़ें