बहराइच: करीब 22 साल पुराने मामले में BJP विधायक सुरेश्वर सिंह को झटका, कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा
Bahraich BJP MLA Sureshwar Singh: एसडीएम के साथ उनके दफ्तर में घुसकर अभद्रता करने और धमकाने के मामले में महसी विधानसभा से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह को दो वर्ष की सजा सुनाई गई है. अदालत ने भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह पर 2500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के बाद सुरेश्वर सिंह की विधायकी पर तलवार लटकी है.
राजीव शर्मा/बहराइच: भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश्वर सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. न्यायालय अपर सिविल जज ने 21 वर्ष पुराने मामले में सुनवाई करते हुए भाजपा विधायक को दो साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
बहराइच जिले के महसी विधान सभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह के खिलाफ दो सितंबर 2002 को थाना हरदी में तत्कालीन एसडीएम महसी ने मुकदमा पंजीकृत कराया था. विधायक पर उप जिलाधिकारी कार्यालय में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने, एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करने व धमकी देने का आरोप था. अब 22 साल के लंबे अंतराल के बाद फैसला आया है.
अपर सिविल जज प्रवर खंड/एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम दीक्षित के न्यायालय में मामला चला. गुरुवार को अभियोजन व बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट/न्यायालय अपर सिविल जज अनुपम दीक्षित ने मामले की सुनवाई करते हुए दो साल की सजा सुनाई है. फैसला सुनाए जाते समय विधायक सुरेश्वर सिंह अदालत में मौजूद नहीं थे.
जा सकती है विधायकी
कोर्ट द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद विधायक सुरेश्वर सिंह की विधानसभा सदस्या रद्द हो सकती है. ऐसे में कभी भी उनकी कुर्सी छिन सकती है. दरअसल, नियम यह है कि आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक सजा होने पर जनप्रतिनिधि की विधायकी रद्द कर दी जाती है. इस स्थिति में विधानसभा सचिवालय की ओर से सीक्ट रिक्त होने की अधिसूचना भी जारी की जाती है.
पिछले महीने इस विधायक की रद्द हुई सदस्यता
हाल ही में नाबालिग से रेप के मामले में दुद्धी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को सोनभद्र की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 25 साल की सजा सुनाई. इस मामले में कोर्ट ने 12 दिसंबर को बीजेपी विधायक को दोषी करार दिया था. साथ ही जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर कहा था, 'रामदुलार गोंड की 15 दिसंबर 2023 से सदस्यता समाप्त कर दी गई है और उत्तर प्रदेश विधानसभा में रामदुलार गोंड का स्थान 15 दिसंबर 2023 से रिक्त हो गया है. इसकी आधिकारिक जानकारी राज्यपाल समेत प्रदेश के सभी विधायकों को भी दे दी गई है.'