मनोज चतुर्वेदी/बलिया: चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग से पूरे देश में उत्साह है. चंद्रयान-3 की सफलता पर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लोग पहले कहते थे चंदा मामा दूर के अब लोग कहेंगे चंदा मामा एक टूर के.प्रधानमंत्री की इन्हीं पंक्तियों को बलिया की एक बच्ची ने कविता के माध्यम से चंद्रयान की सफलता पर शुभकामनाएं दी हैं. 


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बच्ची ने यह बताने की कोशिश की है कि भारत अब चंद्रमा के बाद सूर्य पर जल्द ही पहुंचने वाला है और अपनी मुट्ठी में किरणों को भरकर लाने वाला है. क्योंकि अब नया भारत है नई उमंग है,हर दिल मे एक नई तरंग है. बच्चों का चंद्रमा से बचपन से ही लगाव हो जाता है. मां बच्चों का परिचय चंद्रमा से चंदा मामा के रूप में कराती हैं. छोटे बच्चे भी चंदा मामा को देखकर बेहद खुश होते हैं. चंद्रमा के अलग-अलग आकार बच्चों के मन को इस कदर भाते हैं कि बच्चे कई बार अपने माता-पिता से चंदा मामा को पास बुलाने की ज़िद तक कर देते हैं.


विज्ञान के तरफ बढ़ते भारत के कदम की जानकारी टेक्नोलॉजी और शिक्षा के जरिए बच्चों तक भी पहुंच रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों के चंद्रमा तक पहुंचाने के प्रयासों से बच्चे भी अवगत हैं. बच्चे खुश  है कि जिस चंदा मामा को वह दूर से देखा करते हैं .उसी चंदा मामा पर भारत का चंद्रयान लैंड कर चुका है. बच्चों के वह पुराने गीत की 'चंदा मामा दूर के' प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद बदल गए हैं. अब बच्चे गा रहे हैं कि चंदा मामा एक टूर के.


बच्ची ने कविता लिखी- 
चंदा मामा एक टूर के 
नहीं है हमसे अब दूर के 
चंद्रयान से जाएंगे
वहीं पर हलवा पूड़ी खाएंगे 
नया है भारत ,नई उमंग है 
हर दिल में एक नई तरंग है 
अब तो सूरज पर जाएंगे 
किरणों को मुट्ठी में भरकर लाएंगे
चंदा मामा एक टूर के
नहीं है हमसे अब दूर के.