नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं. इसी क्रम में अपर जिला जज अनिल कुमार शुक्ला ने मुख्तार अंसारी और बाकी सात आरोपियों की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका यानी रिवीजन याचिका प्रारंभिक सुनवाई के समय ही खारिज कर दी. दरअसल फर्जी एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में एसीजेएम कोर्ट से तय आरोपों के विरोध में मुख्तार सहित आठ आरोपियों ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी,  जिसको लेकर कोर्ट ने कहा कि यह मामला सुनवाई के लायक ही नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जा रहा है. 


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क्या है पूरा मामला? 
दरअसल, मुख्तार अंसारी और उसके 12 साथियों को लेकर बाराबंकी की दो अदालतों एसीजेएम 19 और एमपी एमएलए कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एंबुलेंस रजिस्टर्ड कराने और गैंगस्टर के मामले में सुनवाई चल रही है. दोनों ही मामलों में बीती 22 जून को हुई पेशी में चार्ज फ्रेम करने के बाद ट्रायल शुरू हो चुका है. 29 जून को गैंगस्टर और 4 जुलाई को एंबुलेंस मामले में ट्रायल की अगली सुनवाई होनी है. 


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मुख्तार अंसारी और बाकी आरोपियों ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट 19 के सामने अर्जी देकर अपने वकील के माध्यम से कहा था कि उन पर कोई आरोप नहीं बनता है. मुख्तार अंसारी समेत बाकी आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉ. अल्का राय के नाम से उनके फर्जी पते 56, रफी नगर पर एक एंबुलेंस यूपी 41 ए टी 7171 बाराबंकी एआरटीओ ऑफिस में रजिस्टर कराई थी. इसी एंबुलेंस को मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में रहते हुए जेल से अदालत तक जाने में इस्तेमाल करता था. 


पहले भी खारिज हो चुकी याचिका
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश पांडे और आशीष शरण गुप्ता ने बताया कि अपर सीजेएम कोर्ट 19 विपिन यादव ने बीते 28 फरवरी 2023 को इस मामले को लेकर मुख्तार अंसारी समेत बाकी आरोपियों की अर्जी खारिज कर दी थी. इस फैसले के खिलाफ मुख्तार अंसारी समेत बाकी आरोपियों ने रिवीजन याचिका सेशन कोर्ट में दायर की थी. जिसे प्रारंभिक सुनवाई के बाद ही अपर जिला जज अनिल शुक्ला ने खारिज कर दी. 


मुख्तार के वकील का बयान, कहा- हाईकोर्ट में करेंगे अपील 
वहीं, मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सुमन ने बताया कि एंबुलेंस मामले की धारा 420, 419, 467, 471 में 8 लोगों ने जिला जज की अदालत में रिवीजन याचिका दाखिला की गया था. जिसकी सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला की कोर्ट ने पुनर्विचार याचिक निरस्त कर दी. वकील ने बताया कि जज की आपत्तियां ट्रायल का विषय है. अब मुकदमे में धारा 482 के तहत हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. 


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