अजय कश्यप/जौनपुर: जौनपुर के बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह बुधवार को रिहाई हो गई है. पूर्व सासंद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, लेकिन उनकी जेल से रिहाई में लगातार देरी हो रही थी. आज बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिए गए हैं. जेल से बाहर आने के बाद जौनपुर के लिए रवाना हो गए. एमपी-एमएलए कोर्ट जौनपुर से परवाना बरेली के लिए बाई हैंड भेज दिया गया है. धनंजय सिंह के रिहा होने की खबर से समर्थक बरेली जेल के बाहर जुटना शुरू हो गए थे.  जेल से बाहर आने के बाद धनंजय सिंह ने कहा कि वह अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जेल से बाहर आया बाहुबली
धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली. 27 अप्रैल को कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट (Jaunpur MP MLA Court) द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. बुधवार को वह बाहर आ गए हैं. सात साल की सजा के चलते धनंजय सिंह चुनावी मैदान में नहीं उतर पाएंगे. इलाहाबाद हाई कोर्ट से सजा पर रोक नहीं लगने के बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में ही चुनौती देने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.  


नैनीताल गेस्ट हाउस में रुकेंगे धनंजय सिंह
बरेली जेल से रिहा होने के बाद माफिया धनंजय सिंह नैनीताल गेस्ट हाउस में रुकेंगे. वहां सजा खत्म कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से आज नैनीताल में मुलाकात करेंगे. फिर कैंचीधाम मंदिर का दर्शन करेंगे उसके बाद लौटकर जौनपुर जायेंगे.


 


सात साल की सजा


बता दें, नमामि गंगे परियोजना का काम करने वाली फर्म के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में सात साल की सजा काट रहे थे. 


पत्नी के लिए करेंगे प्रचार
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अभी चुनाव लड़ने पर रोक लगी रहेगी. धनंजय सिंह बेशक चुनावी मैदान में जरूर नहीं उतर पाएंगे. लेकिन अपनी पत्नी के लिए जौनपुर में प्रचार करते हुए वह जरूर दिखेंगे. जौनपुर में पूर्व सांसद का काफी दबदबा माना जाता  है. धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला उत्तर प्रदेश के जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से उनके स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मौजूदा लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.  श्रीकला, तेलंगाना की है और वह एक धनी व्यवसाय-सह-राजनीतिक परिवार से आती हैं.


International Labour Day 2024: भारत में क्यों और कब से मनाया जा रहा है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस, जानें इतिहास और इस साल की थीम


अखिलेश का यादवों से मोहभंग, यूपी में 20 फीसदी यादव आबादी के दो तिहाई टिकट काट दिए