पीलीभीत में नदी किनारे बसेगा नोएडा जैसा खूबसूरत शहर, इंडस्ट्री के साथ बनेंगे आशियाने
Industrial Hub in Pilibhit: काफी समय से पीलीभीत में लंबे समय से एक नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की तैयारी चल रही थी. यूपीसीडा ने भरा-पचपेरा गांव में नया इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का औपचारिक ऐलान किया.
पीलीभीत में औद्योगिक हब
सरकार पीलीभीत में औद्योगिक हब बनाने जा रही है. नया इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का औपचारिक ऐलान हो गया है. यूपीसीडा की ओर से योजना तैयार की गई है. योजना के तहत 951 एकड़ क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
इनवेस्टर्स के लिए प्लान
इनवेस्टर्स को लुभाने के लिए यहां पर 239 करोड़ रुपये की लागत से मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा. इस इसके लिए भरा-पचपेरा गांव में 951.79 एकड़ भूमि पर औद्योगिक नगरी बसाई जाएगी.
इंडस्ट्रियल हब
इंडस्ट्रियल हब पीलीभीत शहर से लगभग 36 किमी, बरेली से 100 किमी और लखनऊ व दिल्ली से 300 किमी की दूरी पर है. इसके बनने से आसपास का विकास होगा.
अलग-अलग तरह की फैक्ट्रियां
यहां फूड प्रॉसेसिंग, आयुर्वेदिक-होमियोपैथिक दवाएं और लकडी संबंधित उत्पादों की फैक्ट्रियां लग सकती हैं. जिससे रोजगार बढ़ेगा.
बड़े आकार के प्लॉट मिलेंगे
बड़े उद्योगों की जरूरतों को देखते हुए यहां कई विशाल प्लॉट भी काटे गए हैं. यहां अलग-अलग आकार के प्लॉट उद्यमियों (entrepreneurs) के लिए होंगे. बड़े उद्योगों के लिए बड़े प्लॉट का ऑप्शन होगा.
ईको पार्क और ग्रीन बफर जोन
यहां 94 एकड़, 100 एकड़ और 130 एकड़ आकार के प्लॉट उद्यमियों के लिए उपलब्ध होंगे. यहां ईको पार्क और ग्रीन बफर जोन भी बनाया जाएगा.
देवनी नदी के किनारे हरियाली
करीब से निकल रही देवना नदी के किनारे 24 एकड़ में हरित क्षेत्र बसाया जाएगा. कुछ और भी हरित क्षेत्र होंगे। फिलहाल यहां बहुराष्ट्रीय फूड प्रॉसेसिंग कंपनी एब मॉरी की यूनिट का निर्माण चल रहा है.
कितनी लागत
मुख्य रोड 45 मीटर चौड़ी होगी. इस नए औद्योगिक क्षेत्र को चमकाने के लिए 239 करोड़ रुपये की लागत से काम कराए जाएंगे. ये प्रॉजेक्ट अत्याधुनिक औद्योगिक ढांचे को विकसित करने की तरफ कदम है.
सारी सुविधाएं होंगी विकसित
उद्यमियों को हर सहूलियत देने के लिए यहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अलावा ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी भी दी जाएगी. बारिश के पानी को इक्ट्ठा करने के साथ बिल्डिंग पर सौर ऊर्जा के पैनल लगाए जाएंगे. बिजली और पानी सप्लाई पर निगरानी के लिए स्काडा सिस्टम लगेंगे.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.