राघवेंद्र सिंह/बस्ती : जिले के लालगंज थाना के शिवपुर गांव में दिल को झकझोर देने वाली वारदात सामने आई है. किसी अज्ञात ने नवजात बच्ची को झोले में भर कर झाड़ियों के बीच फेंक दिया. झोले में बंद मासूम बच्ची 72 घंटे तड़पती रही रोती रही लेकिन उस निर्दयी मां को अपनी बच्ची पर तरस तक नहीं आया. हमारा समाज बेटियों के हक अधिकार की बड़ी बड़ी बातें करता है लेकिन इस तरह की घटना पूरे समाज पर सवाल खड़े कर रही है को हम आखिर जा कहां रहे हैं.


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मंगलवार को गांव के माजिद अपने साथियों के साथ अस्थलवा मंदिर के पास मनवर नदी में मछली पकड़ने जा रहे थे. झाड़ी में झोला देख रुके, झोले को जब खोला तो अंदर छोटी बच्ची तड़प रही थी. उसने गांव के पूर्व प्रधान रामप्रकाश सिंह को घटना की जानकारी दी. चौकी इंचार्ज कुदरहा अरविंद यादव सूचना पर टीम के साथ पहुंचे और बच्ची को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुदरहा के गए जहां पर उसका हेल्थ चेकअप हुआ, जिसमें बच्ची स्वस्थ पाई गई.
गांव के माजिद ने बताया कि सोमवार को मछली पकड़ने नदी की तरफ जा रहा था और झोला देखा तो झोला हिल रहा था. हमें लगा अंदर सांप होगा, इसलिए वहां नहीं गए. लेकिन आज झोला देखा तो साथियों के साथ अंदर गया तो देखा छोटी बच्ची पड़ी थी. 


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गांव के लोगों ने बताया कि इस झाड़ी में विषैले जंतु दिन में घूमते रहते हैं जिससे लोग इधर नहीं आते हैं लेकिन बच्ची दो दिनों तक सुरक्षित पड़ी रही इसे लोग अद्भुत मान रहे हैं. डॉ शशि ने बताया कि नवजात शिशु का परीक्षण किया गया पूर्ण रूप से स्वस्थ है. बच्ची को सीडीसी टीम को सौंप दिया गया है. जो बच्ची की देखभाल करेगी.


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