Gonda News: गोंडा जिले के अटल आवासीय विद्यालय सिसवा में छात्रों के भोजन में कीड़े मिलने से हड़कंप मच गया है. यह विद्यालय श्रमिकों के बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया गया था, लेकिन वहां के भोजन में मिली गंभीर लापरवाही ने सभी को स्तब्ध कर दिया है. छात्रों के खाने में कीड़ा मिलने के बाद अब छात्रों और उनके अभिभावकों ने विद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.


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कीड़े वाले छोले: छात्रों के लिए एक बुरा सपना
रविवार की सुबह की घटना है, जब छात्र अपने भोजन के समय छोले खा रहे थे. अचानक एक छात्र ने अपनी थाली में कीड़ा देखा और यह खबर पूरे छात्रावास में तेजी से फैल गई. छात्रों ने तुरंत अपनी थालियां छोड़कर प्रभारी प्रधानाचार्य के पास जाकर शिकायत की. हैरानी की बात यह है कि तब तक कई छात्रों ने कीड़ा युक्त छोले खा लिए थे. छात्रों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया. छात्रों के अनुसार, भोजन की गुणवत्ता लगातार खराब रहती है. दाल इतनी पतली होती है कि उसमें पोषक तत्वों का नामोनिशान नहीं होता, और दूध में भी पानी की मात्रा अधिक होती है. 


हमारे खाने में रोज कुछ न कुछ खराब मिलता है
छात्रों ने बताया कि नमो कैटर्स कंपनी द्वारा दिया जा रहा भोजन हर बार किसी न किसी समस्या से भरा रहता है. एक छात्र ने कहा, आए दिन हमारे खाने में कीड़े या खराब खाना मिलता है. हम कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. छात्रों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब खाने में कीड़ा निकला है, लेकिन अब स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उन्हें अपनी सेहत की चिंता सताने लगी है.


प्रशासन की सख्ती: डीएम ने दिए जांच के आदेश
छात्रों की शिकायत और अभिभावकों की नाराजगी के बाद गोंडा की जिला अधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया है. डीएम ने तुरंत खाद्य सुरक्षा टीम को अटल आवासीय विद्यालय भेजकर जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा, "बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित कर्मचारियों और ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई होगी.


सवालों के घेरे में भोजन आपूर्ति
छात्रों का यह भी आरोप है कि नमो कैटर्स कंपनी को बार-बार शिकायतों के बावजूद भोजन की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जा रहा है. विद्यालय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उनकी निगरानी में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है. छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.


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