Up News: उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने गोंडा जिले में संचालित 286 मकतब मदरसों की जांच शुरू करने की घोषणा की है. इन मदरसों में फंडिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं और यह भी जांच का हिस्सा होगा कि क्या ये मदरसे विधिवत रजिस्टर्ड हैं या नहीं. गोंडा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शासन से एक पत्र भेजा गया है. जिसमें यूपी एटीएस की अलग-अलग यूनिट को सभी मकतब मदरसों की जांच करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मदरसों की सही तरीके से होगी जांच 
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी मकतब मदरसों की जांच सही तरीके से की जाए और समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. यूपी एटीएस की कई यूनिट इस जांच में शामिल होंगी और उन सभी मदरसों पर ध्यान केंद्रित करेंगी जो अब तक मकतब के रूप में कार्य कर रहे हैं. लेकिन रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं.


उत्तराखंड में मदरसों की फंडिंग पर प्रश्न 
इसी तरह उत्तराखंड में भी मदरसों की फंडिंग और संचालन के तरीके को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राज्य सरकार इन मदरसों की जांच पर विचार कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मदरसे कानूनी रूप से संचालित हो रहे हैं और उन्हें कोई अवैध फंडिंग नहीं मिल रही है.


बहराइच में भी मदरसों की जांच 
बहराइच में मदरसों की जांच को लेकर हाल ही में शासन द्वारा एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र के अनुसार, एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग की जांच की जाएगी. बहराइच जिले में कुल 792 मदरसों में से 495 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं. शासन के इस आदेश के बाद अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जिलाधिकारी (डीएम) से वार्ता की है. डीएम के आदेश के बाद इस दिशा में आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.


 


यह कदम मदरसा शिक्षा और फंडिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता का पता लगाया जा सके.


इसे भी पढे़: यूपी में 19 जिलों के लाखों बिजली उपभोक्‍ताओं को बड़ी राहत!, कमर्शियल इस्‍तेमाल पर No FIR


इसे भी पढे़: UP Politics: कांग्रेस क्यों नहीं लड़ना चाहती यूपी विधानसभा उपचुनाव, बृजभूषण शरण सिंह ने खोला सियासी राज