लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को स्मृतिशेष 577 वकीलों के आश्रितों को अधिवक्ता कल्याण निधि से सहायता राशि प्रदान की. सीएम योगी ने कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार है और त्योहार का आनंद इससे अच्छा नहीं हो सकता, जब हम किसी निराश्रित के साथ खड़े होकर उसकी मदद करते हैं. 


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शासन की योजनाओं का मिल रहा लाभ 
सीएम योगी ने कहा कि शासन के पास जब आय होगी तो जनकल्याण के रास्ते अपने आप ही खुलते दिखाई देंगे. प्रदेश में एक करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें हर माह पेंशन स्कीम (वृद्धावस्था, दिव्यांग और निराश्रित पेंशन दी जा रही है. बिना भेदभाव के सिर्फ पात्रता के आधार पर यह सुविधा मिलती है. बहुत अधिवक्ता ऐसे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. उन्हें भी सरकार से इसका लाभ मिलेगा. प्रदेश में 5.11 करोड़ लोगों को गोल्डन कार्ड जारी किया गया है. हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है. सात साल में 56 लाख निराश्रितों को आवास दिया गया है. 


54 बस्तियों को 2017 तक वोट देने का अधिकार नहीं था
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 54 ऐसी बस्तियां थीं, जो 100 साल पहले बसाई गई थीं, लेकिन 2017 तक उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं था. राशन कार्ड समेत अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता था. हम लोगों ने लड़ाई लड़ी और संसद में 2007-2008 में उनके लिए कानून बने. लेकिन उत्तर प्रदेश में उसे पारित होने में और 10 साल लगे. 2017 में 54 बस्तियों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर सभी सुविधाएं दी गईं.  


कोरोना काल में मदद 
सीएम ने कहा कि कोरोना काल में सरकार 140 करोड़ लोगों के साथ खड़ी रही. सामूहिक रूप से बोली गई आवाज 140 करोड़ लोगों की होती है. अलग-अलग बंटकर आवाज उठाते हैं तो लड़-भिड़कर विकास में बाधक बन जाते हैं.  


अधिवक्ता कल्याण के सुझाव
सीएम योगी ने कहा कि अधिवक्ता राहत कोष की राशि 200 करोड़ से 500 करोड़ रुपये कर दी है. जरूरत पड़ने पर इसमें वृद्धि भी करेंगे. इसके ब्याज से ही अधिवक्ताओं को कोई समस्या नहीं होगी। मृतक अधिवक्ता के आश्रित के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई. आयु भी 60 से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई.


134 करोड़ की मदद 
सीएम योगी ने बताया कि 2017-18 से अब तक 2754 दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को 134.32 करोड़ की राशि दी गई है. 577 अधिवक्ताओं के परिजनों को रविवार को 28.31 करोड़ रुपये दिए गए. 12 ऐसे आश्रित हैं, जिन्हें 50 हजार रुपये और 565 आश्रितों को पांच-पांच लाख दिए गए. 3758 युवा अधिवक्ताओं को 3 वर्ष तक पुस्तक-पत्रिका खरीदने के लिए मदद दी गई है. 


चैंबर की भी होगी व्यवस्था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 जिलों में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नहीं बन पाए थे, वहां इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं. अधिवक्ताओं के लिए चैंबर, कैंटीन, पार्किंग, वादकारियों के बैठने की व्यवस्था भी यहां होगी