लखनऊ:  हजारों करोड़ की लागत से बनने वाले नए राम मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है. जिसका इंतजार हिन्दू धर्म और उसकी मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोग पिछले 500 वर्षों से कर रहे थे. आने वाले 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा होगा. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों से साधु-संतों को अयोध्या बुलाया जा रहा है. ऐसे में पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा है, कि इस शुभ अवसर पर मकर संक्रान्ति से प्रदेश को जन-जन जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी आध्यात्मिक स्थलों और मंदिरों में भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा कराया जाएगा. 


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पर्यटन और संस्कृति मंत्री
पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने सभी सांसदो, सभी विधायकों, सभी नगर पालिक अध्यक्ष , मेयर, जिला पंचायत अध्यक्षों और अन्य  जन-प्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्रों में धार्मिक स्थलो  का चयन करते हुए भजन-कीर्तन कार्यक्रम में अपनी-अपनी जनसहभागिता करने का भी अनुरोध किया है. 



इस अभियान का क्या है लक्ष्य 
मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि बाल्मीकि रामायण में उल्लिखित श्रीराम जी के सामाजिक मूल्यों, आदर्शों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर जन मानस को इस अभियान से जोड़ना हमारा लक्ष्य है. इस अवसर पर मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलनके साथ-साथ रामकथा प्रवचन, रामायण पाठ और सुन्दरकाण्ड के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. साथ ही स्थानीय भजन-कीर्तन मण्डलियों द्वारा विभिन्न नगरों में राम मंदिर प्रतीक रथ और कलश यात्राओं का भी आयोजन किया जाएगा. 


राम मंदिर को लेकर उत्साह
पर्यटन मंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलो  का चयन जन आपेक्षित ,स्थानीय प्रशासन  द्वारा किया जायेगा और कार्यक्रम के आयोजन का प्रभावी अनुश्रवण के लिए जिला, तहसील और ब्लाक स्तर पर नोडल अधिकारी चयन किया जायेगा. प्रत्येक आयोजन स्थल पर साफ- सफाई, सुरक्षा, बैठने हेतु दरी, ध्वनि, प्रकाश इत्यादि की व्यवस्था भी संस्कृति विभाग के माध्यम से कराने के निर्देश दिये गये हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के जनमानस में राम मंदिर को लेकर एक अलग सा ही उत्साह है.