लखनऊ/मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में दलितों की मुखर आवाज मानी जा रही भीम आर्मी भी अब आपसी झगड़ों में उलझ कर दो धड़ों में बंट गई है. चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में अविश्वास जताते हुए आर्मी का एक धड़ा अलग होकर लोकेश कटारिया की अगुआई में 'भीम आर्मी-2' का गठन कर लिया है. 


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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली भीम आर्मी से अलग होकर 'भीम आर्मी-2' का गठन कर संस्था के संस्थापक बने शिवजी गौतम ने शनिवार को कहा कि चंद्रशेखर अब दलितों की मुखर आवाज नहीं रहे. वह प्रदेश की भाजपा सरकार से गुपचुप समझौता कर लिए हैं, इसीलिए भारत बंद के दौरान हुई सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की हिंसा में जेल में बंद निर्दोष दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई के प्रयास नहीं कर रहे.


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उन्होंने कहा कि भीम आर्मी-2 का अध्यक्ष दलित नेता लोकेश कटारिया को नियुक्त किया गया है और जेल में बंद अपने निर्दोष साथियों की रिहाई के लिए अभी हाल ही में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है, जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उधर, चंद्रशेखर के दाहिने हाथ माने जा रहे योगेश गौतम ने कहा कि चंद्रशेखर की भीम आर्मी मनुवादी सोच वालों से कभी समझौता नहीं करेगी, वह अपना संघर्ष पूर्ववत जारी रखेगी. 


उन्होंने शिवजी गौतम और लोकेश कटारिया पर पलटवार करते हुए कहा कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई कथित हिंसा में जेल भेजे गए निर्दोष साथियों की रिहाई के लिए भीम आर्मी ने छह दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया है. इन दोनों कथित दलित नेताओं ने खुद सत्तारूढ़ दल के बहकावे में आकर समानांतर संगठन का गठन किया है, ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके.